आम जन विशेषकर गरीबों को बिमारी के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है । कई मरीज दम तोड़ देते हैं तो कई बाहर से इलाज कराने में भारी कर्ज में डूब जाते हैं । बेबस ,लाचार गरीब मरीजों को साइकिल पर, ठेले पर ,कंधे पर ढोने जैसे दृश्य अक्सर देखने को मिल जाते हैं । उपर से अक्सर डाक्टरों, कर्मियों की हड़ताल गरीब मरीजों पर कहर बनकर टूटती है । नाटक स्वास्थ्य सुविधाओं के संदर्भ में ऐसे कई सवाल उठाता है । अस्पताल में बीमार का इलाज होता है यदि अस्पताल ही बीमार हो जाए तो उसका इलाज कौन करे ।कलाकारों में- अशोक गिरी ,विनय विभूति ,शिवम कुमार, उदय कुमार, अमरेंद्र कन्हैया ,कामेश्वर पंडित, राजीव रंजन त्रिपाठी आदि शामिल थे ।