December 7, 2025

पटना में निजी हॉस्पिटल की दादागिरी-इलाज में मांगी मोटी रकम,नहीं देने पर बनाया बंधक,बमुश्किल छोड़ा

फुलवारीशरीफ।पटना के बाईपास इलाके में स्थित एक निजी हॉस्पिटल पटना सेन्ट्रल में नालंदा के नकटी सराय निवासी 65 साल के वृद्ध राधे यादव के परिजनों ने जब इलाज काफी महंगा होने के चलते मोटी रकम दे पाने में असमर्थता जताई।तो अस्पताल ने मरीज को डिस्चार्ज करने से इनकार कर दिया और घंटो तक परिजनों को बंधक बनाये रखा।काफी मान मनौवल के बाद अस्पताल वालों का दिल पसिजा और फिर मंगलवार की शाम चार बजे के बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया। इस मामले में कोई शिकायत परिजनों ने नही दर्ज करायी है।
नालंदा के नकटी सराय निवासी 65 साल के वृद्ध राधे यादव के पोते नीतीश कुमार ने बताया की उनके दादा जी एक जुलाई को घर की छत से गिर गये थे जिसमे उनकी गर्दन की हड्डी टूट गयी थी।उसके बाद घायल दादा जी को परिजन पहले नवादा के साईनाथ अस्पताल ले गये वहां से चिकित्सको ने मरीज को बेहतर इलाज के लिए पटना एक बाईपास में पटना सेंट्रल हॉस्पिटल में ले जाने की सलाह दी। नितीश का कहना है की वहां हॉस्पिटल वालों ने कहा था की पटना में चालीस पचास हजार में इलाज हो जायेगा।लेकिन यहां तीन जुलाई को भर्ती कराने के बाद सोमवार को हमलोगों ने अस्पताल में साठ हजार रूपये का बिल जमा कर दिया।इसके बाद भी सत्तर हजार और ऑपरेशन के लिए अलग से साठ हजार जमा करने को कहा जाने लगा। इसपर परिजनों ने इतना महंगा इलाज करा पाने में असमर्थता जाहिर की और मरीज को डिस्चार्ज करने को कहा लेकिन अस्पताल वाले सत्तर हजार रूपये जमा करने पर ही मरीज को छोड़ने की बात पर अड़ गये। सुबह से लेकर शाम तक मंगलवार को मरीज के परिजन अस्पताल वाले से डिस्चार्ज करने की मिन्नते करते रहे लेकिन उनलोगों को अस्तपाल से निकलने नही दिया गया।नीतीश ने बताया की शाम में चार बजे के बाद अस्पताल वाले उनके दादा जी को डिस्चार्ज कर दिए तो लेकर बिहार शरीफ के लिए निकल गये।बिहार शरीफ में नई सराय निवासी डॉ सुनील के यहाँ मरीज को भर्ती कराया गया है।

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