पटना-बख्तियारपुर फोरलेन अपराधियों का सेफ जोन, जहां आबादी नहीं वहां ‘टपकाते’ हैं लोगों को

फतुहा। वैसे तो पटना-बख्तियारपुर फोरलेन अपने निर्माण के समय से ही अपराधिक घटनाओं के लिए जाना जाता रहा है। लेकिन हाल के दिनों में हत्या करने से लेकर शव को ठिकाने लगाने तक के लिए यह फोरलेन अपराधियों का सेफ जोन बन गया है। अपराधी जब चाहे फोरलेन पर आते हैं और किसी की टपका कर आराम से फरार हो जाते हैं। फोरलेन पर अपराधी उसी जगह को चुनते हैं, जहां न तो आबादी हो और न ही कोई सीसीटीवी कैमरे लगे हों। फोरलेन पर ऐसे कई जगह हैं, जहां अपराधी बड़े आराम से अपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं।
बताते चलें दो साल पहले अपराधियों ने निशिबूचक गांव के पास तीन नरमुंड फेंक कर सनसनी फैला दिया था, जिसका आज तक कोई उद्भेदन नहीं हो सका। बीते वर्ष दशहरा के समय भी इसी जगह के पास फोरलेन के किनारे एक युवक की शव बरामद हुई थी, इसका भी उद्भेदन नहीं हो सका। हालांकि दो महीने पहले ही पटना के सेंट्रल स्कूल के बगल के रहने वाले शिक्षक अमरेंद्र कुमार की हत्या मामले में पुलिस ने उद्भेदन कर सभी आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इसके पूर्व करीब दो वर्ष पहले भी छपाक वाटर के पास ही पटना सिटी बेगमपुर के एक युवक के मिले शव मामले में भी पुलिस ने प्रेम प्रसंग का खुलासा करते हुए तीन आरोपी को जेल भेज दिया था। अब एक बार फिर से अपराधियों ने फोरलेन को चुनते हुए बैंक कर्मी की हत्या कर सनसनी फैला दी है। जहां तक शव को ठिकाने लगाने की बात है तो अपराधी थाना क्षेत्र फोरलेन स्थित नरैना पुल को अपना हर बार निशाना बनाया है। नरैना पुल से अपराधी अन्यत्र हत्या कर शव को पुनपुन नदी में फेंकते आए हैं। कभी बक्से में बंद कर युवक के शव को नदी में फेंका गया तो कभी नाबालिग लड़की की घर में हत्या कर शव को पुनपुन नदी में फेंका गया। हालांकि दोनों मामले में पुलिस उद्भेदन कर चुकी है। लेकिन हाल ही में फोरलेन से पुनपुन नदी में फेंकी गई युवती की शव का खुलासा पुलिस नहीं कर पायी है। आशंका जताई गई कि युवती कोरोना मरीज थी, परिजन फेंककर चले गए। युवती की पहचान नहीं हो पायी। देखा जाए तो फोरलेन अपराधियों के लिए सेफ जोन बना हुआ है और पटना पुलिस के लिए यह बड़ी चुनौती भी।

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