बिहार नर्सो की कमी को दूर करने को आगे आए निजी संस्थान : मंगल

पटना सिटी (आनंद केसरी)। बिहार में नर्सों की कमी को दूर करने के लिए सरकार की ओर से प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए निजी संस्थानों को भी बढ़-चढ़ कर अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। राज्य में एएनएम की कमी है, जिसके कारण दूसरे प्रदेश की नर्सों को बिहार में सेवा देना पड़ता है। यह सरकार महसूस कर रही है और इसके निदान के लिए फैसला लिया गया है। शयह बात स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय शनिवार को राजधानी के भागवतनगर स्थित एक इंस्टीच्यूट के सफल छात्राओं के लिए आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में नर्सों की कमी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी अनुमंडलों में एएनएम नर्सिंग काॅलेज तथा सभी जिलों में जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान खोलने का फैसला लिया है। इसके लिए सभी अनुमंडलों में जमीन का चयन हो गया है। अबतक 10 एएनएम संस्थान व 5 जीएनएम संस्थान बनकर तैयार है। श्री पांडेय ने कहा कि सेवा में प्राइवेट संस्थान का भी रोल है। मानक पर खरे उतरने वाले निजी संस्थानों या नये संस्थानों को सरकार भी सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि देश में हर एक हजार की आबादी पर ढाई नर्स का प्रावधान है। इसके लिए अभी राज्य में 150 के करीब नर्सिंग काॅलेज है। इसे 2026 तक बढ़ाकर 650 करना है ताकि हमलोग नर्स के मामले में आत्मनिर्भर हो और दूसरे राज्यों को प्रशिक्षित नर्स भेज सकें। इस मौके पर विधायक अरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि सेवा भाव जरूरी है। इसके लिए आत्मविश्वास जरूरी है। कार्यक्रम में पूर्व सांसद ब्रह्मदेव आनंद पासवान ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री की वजह से राज्य में स्वास्थ्य के क्षेत्र में समृद्धि दिख रही है। कार्यक्रम में संस्थान के सचिव अनामिका पासवान ने स्वास्थ्य मंत्री से नर्सों की बहाली में बिहार की छात्राओं के अलग से कोटा निर्धारित करने का आग्रह किया। कार्यक्रम में पास आउट छात्राओं को रजिस्ट्रार नर्सिग बिहार कुमारी वीणा ने सत्य व कर्तव्य निष्ठा का शपथ दिलाया। संस्थान के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थी को पूर्व सांसद ब्रह्मदेव आनंद पासवान ने पुरस्कार प्रदान किया। अध्यक्षता डाॅ. एमएन प्रसाद, संचालन कल्पना सिंह व धन्यवाद ज्ञापन निदेशक नीलेश आनंद ने किया।

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