दस वर्षों के बाद भी रोजगार एवं मुआवजा से वंचित है बिहटा के किसान

पटना।(निशांत कुमार)बिहटा में भूमि अधिग्रहण के बाद उत्पन्न समस्यायों से प्रभावित किसान-मजदूरों ने महापंचायत किसान संघर्ष समिति के वैनर तले एक दिवसीय धरना का आयोजन किया।जिसमें आक्रोशित किसानों ने रोजगार और उचित मुुुआवजा नहीं मिलने पर आंदोलन करने की घोषणा की।वे लोग सरकार को 15 दिनों का अल्टीमेटम देते हुए अपनी 7 सूत्री मांगो पर पहल करने का अनुरोध किया है। किसान महापंचायत की अध्यक्षता संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष सह अधिवक्ता रहीश यादव ने किया।किसानों का कहना था कि पटना जिले के बिहटा में 8-10 वर्ष पहले किसानों ने अपनी रोजी-रोटी से जुड़ा करीब 22सौ 85 एकड़ आवासीय व उपजाऊ भूमि सिकंदरपुर,रामनगर,किसुनपुर,खेदलपूरा,दिलावरपुर,दयालपुर-दौलतपुर,राघवपुर और अमहारा आदि गांवों के एक हजार से अधिक किसानो ने सरकार को दिया था। इनकी भूमि पर सरकारी और गैर सरकारी संस्थान आईआईटी, एनआईटी,एचपीसीएल, एनडीआरएफ,एसडीआरएफ,ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल,नाइलेट, एफडीडीआई,हीरो साइकिल, पामटेक आदि संस्थानों का निर्माण किया गया या किया जा रहा है।जिन किसानों का भूखंड अधिगृहित की गई थी,वे सभी लघु और सीमांत कृषक है।उनका रोजी-रोटी और जीवन-यापन का एकमात्र साधन कृषि था।अधिग्रहण के बाद बहुसंख्यक किसानों की जमीन नहीं के बराबर बच गयी है।ये लोग वेरोजगारी के कगार पर खड़े हैं।अधिग्रहण के समय इन्हें आश्वाशन दिया गया था कि संबंधित संस्थानों रोजी-रोटी के लिये रोजगार दी जाएगी।लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि इन्हें नियमानुसार नहीं उचित मुआवजा का भुगतान किया जा रहा है,नहीं रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है।उल्टे यंहा जो रोजगार के साधन उपलब्ध हो रहे है,उन्हें आउटसोर्सिंग ठीकेदारी व बड़े-बड़े कम्पनियों के माध्यम से पुरा किया जा रहा है।इससे किसानों की भागीदारी शून्य है।किसानों नें अधिगृहित भूमि का नियमानुसार उचित भुगतान, प्रत्येक प्रभावित परिवार के एक सदस्य की नौकरी या रोजगार की व्यवस्था,आउटसोर्सिंग व ठीकेदारी प्रथा को समाप्त करने,आवासीय अधिगृहित भूमि के प्रभावितों को नियमानुसार 5 डी०जमीन उपलब्ध कराने,अधिग्रहण प्रक्रिया का सोशल ऑडित कराने तथा ईएसआईसी कॉलेज एवं अस्पताल में प्रभावित किसानों को निःशुल्क ईलाज की सुविधा मुहैया कराने की मांग की है।सात सूत्री मांग पत्र की प्रति को सीएम बिहार,मानव संसाधन विकाश ,पेट्रोलियम एवं श्रम मंत्रालय भारत सरकार,आपदा प्रबंधन मंत्री बिहार, मुख्य सचिव,मानवाधिकार आयोग ,प्रबंध निदेशक बियाडा ,आईआईटी के निदेशक,क्षेत्रीय निदेशक हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लि०,क्षेत्रीय निदेशक कर्मचारी राज्य बीमा निगम बिहार,जिला भू-अर्जन पदाधिकारी,जिलाधिकारी पटना,क्षेत्रीय विधायक तथा सीओ बिहटा को कार्रवाई हेतु ध्याननार्थ भेजा गया है।चौपाल में सुरेंद्र कुमार,जबींद्र सिंह,अरविंद कुमार,रामभजन सिंह,नंदू महतो,वागीश सिंह,नवीन कुमार,विश्वनाथ यादव,बलिराम यादव,सतेंद्र विद्यार्थी,बिंदा यादव,लाल किशोर प्रसाद,भुअर यादव,रामानंद यादव,गुड्डू यादव,सुदर्शन यादव,सुभाष सिंह सहित सैकड़ो किसानों ने हिस्सा लिया।

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