सिर्फ खानापूर्ति के लिए होती है पटना विश्वविद्यालय में सीनेट की बैठक

पटना। जन अधिकार छात्र परिषद ने आज पटना विश्वविद्यालय में होने वाली सीनेट की बैठक को खानापूर्ति बताया। परिषद केअध्‍यक्ष गौतम आनंद ने कहा कि इस बैठक से न तो आज तक एक भी छात्र का भलाई हुआ है और न हीं विश्वविद्यालय का हीं। विश्वविद्यालय प्रशासन और राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय को बर्बादी के कगार पर पहुंचाने का तैयारी कर लिया है । सत्ता धारी दल के छात्र संगठन छात्रों को सिर्फ ठगने का काम कर रही है।

मालूम हो कि इस साल दिसंबर में पीयएसयू छात्र संघ का चुनाव होना है। उसके पहले आज 10 सूत्री मांगों को लेकर जन अधिकार छात्र परिषद के प्रदेश अध्‍यक्ष गौतम आनंद के नेतृत्‍व में पीयू प्रशासन के आक्रोशपूर्ण विरोध दर्ज कराया गया, जिसमें पुलिस के साथ धक्‍का – मुक्‍की भी हुई।

जन अधिकार छत्र परिषद का 10 सूत्री मांग:

(1)पीजी के सभी विभागों एवं LLM में सीट बढ़ाने की मांग

(2)फीस वृद्धि कम करने की मांग

(3)दलित पिछड़े वर्ग के छात्रों के छात्रवृत्ति पर लगे रोक के खिलाफ

(4)छात्र नेताओं पर फर्जी मुकदमे वापस लेने

(5)पुर्व फर्जी छात्र संघ अध्यक्ष की जाँच रिपोर्ट नहीं देने के खिलाफ

(6)सभी कॉलेज के छात्रावास में शुद्ध पेयजल,कॉमन रूम और पुस्तकालय में पुस्तक मुहैया कराने को लेकर

(7) हॉस्टल आवंटन में जातीय राजनीति के आधार पर भेदभाव के खिलाफ

(8) PAT रिजल्ट नहीं दिये जाने एवं जल्द  कोर्स वर्क शुरू करवाने की मांग

(9) पटना विश्वविद्यालय को पूर्णतः आवासीय परिसर बनाने के साथ सभी कॉलेजों में वाय -फाई सुविधा मुहैया कराने की मांग

(10) फेल किये छात्रों के कॉपियों के पुनर्मूल्यांकन पद्धत्ति में सुधार की मांग को लेकर  जन अधिकार छात्र परिषद द्वारा प्रदर्शन किया गया।

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