PATNA : पारस हॉस्पिटल में सिटी के युवक की हथेली से कटी पांचों अंगुलियां जोड़ी गयी
दस घंटे लगातार आपरेशन कर जोड़ी गई अंगुलियां
युवक के दाहिने हाथ की सभी अंगुलियां सहित आधी हथेली मशीन में कटकर हो गई थी अलग

पटना। राजधानी पटना के पारस एचएमआरआई सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में पटना सिटी के 20 वर्ष के एक युवक की पूरी तरह से कटे हाथ को फिर से जोड़कर उसे राहत दिलाई गई। बिहार में संभवत: पहली बार इस तरह की सर्जरी की गयी है, जिसमें दाहिने हाथ की सभी अंगुलियां सहित आधी हथेली मशीन से कट कर अलग हो गयी थी। हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जरी तथा कॉस्मेटिक सर्जरी के विशेषज्ञ डॉ. शब्बीर अहमद वारसी ने 10 घंटे तक लगातार आॅपरेशन कर कटे हाथेली को जोड़ा। इस आपरेशन में उनके सहयोगी डॉ. प्रकाश कुमार तथा एनेस्थेसिया विशेषज्ञ डॉ. श्रीनारायण, नर्सिंग स्टाफ रॉबीन, सिस्टर मनु एवं सिस्टर विमला का योगदान महत्वपूर्ण रहा।

ऐसे होती है सर्जरी
डॉ. वारसी ने कहा कि इस तरह की सर्जरी वैसे अस्पताल में की जा सकती है, जहां इसके लिए सभी आवश्यक मशीनें, उपकरण, सुविधाएं तथा विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हों। उन्होंने कहा कि इस आॅपरेशन में माइक्रोस्कोप में कटे हुए अंग को देखकर जोड़ा जाता है। पहले हड्डी को जोड़ा जाता है, फिर खून की नस को और इसके बाद टेंडन और नर्व को जोड़ा जाता है। हड्डी को जोड़ने के बाद पतली नस को जोड़ा जाता है। पतली नस को जोड़ने के वक्त इसका विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है कि कहीं नस में खून की आवाजाही बंद तो नहीं हो रही है। खून बंद होने पर सब बेकार हो जाता है, इसलिए यहां पर विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है। इन नसों को नये सिरों से नहीं जोड़ा जा सकता है।
अंगों को जोड़ने में समय काफी महत्वपूर्ण
उन्होंने कहा कि कटे हुए अंगों को जोड़ने में समय काफी महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने बताया कि जैसे ही किसी का अंग कट जाए तो उसे साफ-सुथरे पॉलिथिन में डाल कर आइसपैक में रख देना चाहिए तथा मरीज को जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुंचाना चाहिए, जहां माइक्रो सर्जरी की सुविधा उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि यदि तेज धार वाली चीज से अंग कट जाए तो उसे जोड़ा जा सकता है, लेकिन अंग दबकर या कुचलकर अलग हो जाए तो उसे जोड़ना और भी ज्यादा मुश्कील हो जाता है।

