September 15, 2025

PATNA : देखिए कैसे तीन मिनट में 1300 किलो दही चट कर गये प्रतिभागी

पटना डेयरी प्रोजेक्ट में 9वां दही खाओ, इनाम पाओ प्रतियोगित आयोजित
जहानाबाद के प्रणय शंकर कांत बने दही सम्राट तो सुनीत देवी बनी दही सम्राज्ञी

फुलवारी शरीफ। पटना डेयरी प्रोजेक्ट का सबसे लोकप्रिय एवं चर्चित कार्यक्रमों में से एक दही खाओ, इनाम पाओ प्रतियोगिता 2020 सर्द हवा और आसमान में छाये बादल के बीच शनिवार को संपन्न हो गया। इस अनूठे प्रतियोगिता में पुरुष वर्ग में जहानाबाद के मखदुमपुर निवासी प्रणय शंकर कांत ने 4 किलो 191 ग्राम दही खाकर प्रथम पुरस्कार का खिताब एक बार फिर से अपने नाम कर लिया। इस तरह से प्रणय शंकर कांत वर्ष 2016 से अब तक लगातार पांचवी बार दही सम्राट का खिताब अपने नाम किए। वहीं बाढ़ के अजय कुमार ने 3 किलो 527 ग्राम दही खाकर द्वितीय पुरस्कार एवं अनीसाबाद, पटना के रत्नेश कुमार ने 3 किलो 454 ग्राम दही खाकर तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया।
वहीं महिला वर्ग में पटना की रहनेवाली सुनीता देवी ने तीन मिनट में 2 किलो 692 ग्राम दही खाकर प्रथम पुरस्कार, कंकड़बाग, पटना की ज्योत्सना कुमारी ने 2 किलो 496 ग्राम दही खाकर द्वितीय पुरस्कार एवं पटना की ही संगीता कुमारी ने 2 किलो 230 ग्राम दही खाकर तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। जबकि वरिष्ठ नागरिक श्रेणी से शत्रुघ्न त्रिपाठी ने तीन मिनट में 2 किलो 043 ग्राम दही एवं पटना के ही रामानंद यादव ने 1 किलो 777 ग्राम दही खाकर पुरस्कार प्राप्त किया।

इस अनोखी प्रतियोगिता में बिहार के कई जिलों समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दिल्ली के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने इस दौरान 1300 किलो दही, दस किलो चीनी, ढाई किलो नमक, पांच सौ ग्राम मिर्च चट कर गये। 1000 से अधिक प्रतिभागियों द्वारा प्रतियोगिता में भाग लेने हेतु रजिस्ट्रेशन कराया एवं जिसमें 650 प्रतिभागियों ने प्रतियोगिता में भाग लिया। दही खाने हेतु तीन मिनट का समय निर्धारित था। प्रतियोगिता महिला एवं पुरूष वर्ग में अलग-अलग आयोजित की गई। प्रत्येक वर्ग में प्रथम, द्वितीय, तृतीय पुरस्कार दिया गया। साथ ही वरिष्ठ नागरिक वर्ग में भी पुरस्कृत किया गया।


कॉम्फेड की प्रबंध निदेशक शिखा श्रीवास्तव ने आये हुए प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया एवं विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता अपने पुरखों की लोक परंपरा और कला को बचाकर नई पीढ़ी को प्रोत्साहित करना का प्रयास है। वहीं पटना डेयरी प्रोजेक्ट के अध्यक्ष संजय कुमार ने सभी प्रतिभागियों को दही के उपयोग से होने वाले लाभ की जानकारी देते हुए कहा कि सुधा की गुणवत्ता पर ग्राहकों का अटूट विश्वास है। यह पूरी तरह से गांव के किसानों द्वारा संचालित व्यवसाय है, जिसमें उपभोक्ताओं से सुधा दूध एवं दुग्ध उत्पाद की बिक्री का लाभ सीधे किसानों को प्राप्त होता है। पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक श्रीनारायण ठाकुर ने बताया गया कि यह प्रतियोगिता पिछले 9 वर्षों से आयोजित की जा रही है एवं आगे भी सफलतापूर्वक जारी रहेगी। उन्होंने खान-पान में ज्यादा से ज्यादा सुधा दूध, दही एवं सुधा के अन्य उत्पाद को उपयोग में लाने पर भी बल दिया।

You may have missed