October 29, 2025

एकमो मशीन की सुविधा से युक्त बिहार का एकमात्र अस्पताल बना पारस, शरीर के बाहर रहकर भी मरीज के फेफड़ों की तरह करता है काम

पटना। पारस अस्पताल ने बिहारवासियों से आईसीयू बेड बढ़ाने और एकमो मशीन लगाने का वादा किया था। वादे के पांच माह के अंदर ही इसे पूरा कर दिया। पारस हॉस्पिटल बिहार का पहला एकमो मशीन से लैस अस्पताल हो गया है। यहां 16 आईसीयू बेड बढ़ा दिए गए हैं और इस तरह अब यहां 106 आईसीयू बेड हो गए हैं, जो सबसे अधिक क्षमता वाला क्रिटिकल यूनिट है। वहीं एकमो मशीन भी इंस्टाल कर दिया गया है।
पारस हेल्थकेयर के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. धर्मेंद्र नागर ने बताया कि बीमारी के कारण जब किसी मरीज के फेफड़े काम करना बंद कर देते हैं तब एकमो मशीन लगाई जाती है। यह शरीर के बाहर रहकर भी मरीज के फेफड़ों की तरह काम करता है। पहले लोगों को इसके लिए दिल्ली, महाराष्ट्र या दक्षिण भारत जाना पड़ता था। लेकिन अब बिहारवासियों बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने बताया कि हमलोग कोविड की संभावित तीसरी लहर के लिए पूरी तरह तैयार हैं। 50 से अधिक आईसीयू बेड कोरोना मरीज के लिए होंगे। 25 वेंटिलेटर भी होंगे। जरुरत पड़ने पर कोरोना मरीजो के लिए 50 आईसीयू बेड आरक्षित करने के बावजूद भी दूसरे रोगों के गंभीर मरीजों के लिए 50 से अधिक आईसीयू बेड अस्पताल में उपलब्ध रहेंगे।
पारस अस्पताल के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. तलत हलीम ने बताया कि हमलोग का अगला कदम अस्पताल में न्यूरो इंटरवेंसन की सुविधा उपलब्ध कराना होगा। इसमें बिना चिरा लगाए मस्तिष्क की सर्जरी की जाती है। अभी अस्पताल में इंडोस्कोपिक ब्रेन सर्जरी हो रही है। इन सुविधाओं के साथ ही अस्पताल क्वाटनरी केयर लेवल तक पहुंच चुका है।

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