पटना में हुई हत्या पर भड़के पप्पू यादव, कहा- बिहार में जल्द से जल्द लगे राष्ट्रपति शासन, हर मामले में सरकार नाकाम
पटना। प्रतिष्ठित पारस अस्पताल में गुरुवार की सुबह उस वक्त सनसनी फैल गई जब बक्सर के कुख्यात अपराधी चंदन मिश्रा को गोलियों से भून दिया गया। यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े करती है, क्योंकि यह हत्या राजधानी पटना में, पुलिस मुख्यालय के करीब स्थित एक बड़े निजी अस्पताल में हुई है। बताया जा रहा है कि अपराधी अस्पताल के दूसरे माले पर भर्ती चंदन मिश्रा तक पहुंचे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं।
कुख्यात था चंदन मिश्रा
चंदन मिश्रा बक्सर जिले का दुर्दांत अपराधी था, जिस पर हत्या के दर्जनों मामले दर्ज थे। वह वर्ष 2011 में चर्चित चूना व्यवसायी राजेंद्र केसरी की हत्या का दोषी पाया गया था और अदालत ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पिछले 15 दिनों से चंदन मिश्रा की तबीयत खराब थी, जिसके कारण उसे इलाज के लिए पटना के पारस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह जेल से पैरोल पर बाहर था।
पप्पू यादव का सरकार पर हमला
इस हत्या के बाद पूर्णिया से सांसद और जन अधिकार पार्टी (लो) के प्रमुख पप्पू यादव ने सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिहार में अपराधियों का राज चल रहा है और पुलिस-प्रशासन अपराध रोकने में पूरी तरह विफल हो चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार को तुरंत बर्खास्त करने और बिहार में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। पप्पू यादव ने सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि बिहार में फिलहाल “अपराध का मौसम” चल रहा है और मई, जून, जुलाई महीनों में हत्या का सिलसिला जारी रहता है।
अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
इस घटना ने अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं। सवाल यह है कि एक हाई-प्रोफाइल अस्पताल के अंदर हथियारबंद अपराधी इतनी आसानी से घुस कैसे गए और उन्होंने वारदात को अंजाम दे दिया। यह बात साफ तौर पर दर्शाती है कि राज्य में कानून-व्यवस्था बेहद कमजोर हो गई है।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच
घटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी कार्तिकेय शर्मा मौके पर पहुंचे और उन्होंने बताया कि मृतक चंदन मिश्रा के खिलाफ कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं। वह बक्सर जेल में सजा काट रहा था, लेकिन इलाज के कारण उसे भागलपुर जेल से पैरोल पर अस्पताल लाया गया था। पुलिस ने बताया कि इस हमले के पीछे विरोधी गैंग का हाथ हो सकता है और हमलावरों की पहचान की जा रही है। शूटर की तस्वीर पुलिस के पास आ चुकी है और गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
इस घटना के बाद राज्य में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। विपक्षी दल सरकार को घेरने में जुट गए हैं और अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहे हैं। पप्पू यादव ने इस घटना को ‘महा गुंडाराज’ का प्रतीक बताया और कहा कि अगर सरकार अपराध पर नियंत्रण नहीं कर सकती तो उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। पटना की इस घटना ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक सजायाफ्ता अपराधी को खुलेआम गोली मार देना और वह भी एक नामी अस्पताल में, दर्शाता है कि अपराधियों के हौसले कितने बुलंद हो चुके हैं। पप्पू यादव जैसे नेताओं की राष्ट्रपति शासन की मांग भले ही राजनीतिक हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि राज्य सरकार को सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर कदम उठाने की जरूरत है। अन्यथा, आम जनता की सुरक्षा और विश्वास दोनों ही लगातार कमजोर होते रहेंगे।


