नौकरी देने के बिहार मॉडल से NDA में खलबली : चित्तरंजन गगन
पटना। राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा कि नौजवानों को नौकरी देने के मामले में बिहार ने जो एक कीर्तिमान स्थापित किया है उससे भाजपा सहित NDA में शामिल दलों की परेशानी बढ़ गई है। नौकरी देने के ‘‘बिहार मॉडल’’ से NDA में खलबली मच गई है। इसीलिए BPSC द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा के सम्बन्ध में प्रायोजित तरीके से भ्रम पैदा कर शिक्षक अभ्यर्थियों को गुमराह करने की साजिश हो रही है। राजद प्रवक्ता ने आगे कहा कि देश के इतिहास में यह पहला उदाहरण है कि वैकेंसी निकलने के दो महीने के अंदर रिजल्ट घोषित हो गया और तत्काल सामुहिक रूप से नियुक्ति पत्र देने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। बिहार की महागठबंधन सरकार की इस NDA गठबंधन के अन्य दलों के नेता बगैर किसी प्रमाणिक आधार के BPSC द्वारा संचालित परीक्षा और घोषित परिणाम के बारे में दुष्प्रचार कर बिहार के सफल अभ्यर्थियों की मेघा और योग्यता पर सवाल खड़े कर उन्हें अपमानित कर रहे हैं। घोषित परिणाम के सम्बन्ध में अबतक जितने भी सवाल उठाए गए, बीपीएससी द्वारा क्रमिक रूप से सभी का स्पष्टीकरण दिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि डोमिशाईल के नाम पर भी अभ्यर्थियों को गुमराह करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि आंकड़े बता रहे हैं 1 लाख 20 हजार सफल अभ्यर्थियों में मात्र चैदह हजार अभ्यर्थी यानी मात्र 12 प्रतिशत हीं दूसरे राज्यों के हैं। यानी सफल अभ्यर्थियों में 88 प्रतिशत अभ्यर्थी बिहार के हैं। यदि डोमिशाईल लागू भी होता तो बिहार के 90 प्रतिशत हीं अभ्यर्थी चयनित होते। मात्र 2 प्रतिशत ज्यादा। और इसके प्रतिक्रिया स्वरूप दूसरे राज्यों में बिहारी छात्रों को मौका नहीं दिया जाता जबकि दूसरे राज्यों की सेवाओं में भी बड़ी संख्या में बिहारी छात्र अपने मेधा के बल पर सफल होते रहे हैं। बिहार में सफल हुए दूसरे राज्यों के अभ्यर्थियों में अधिकांश बिहार के निकटवर्ती जिलों के हैं जिनका सम्बन्ध बिहार से जुड़ा हुआ है।


