कश्मीर में एललोसी पर पाकिस्तान की लगातार फायरिंग, अबतक 13 की मौत, 59 लोग घायल

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान की ओर से लगातार संघर्षविराम उल्लंघन जारी है, जिससे सीमा क्षेत्रों में स्थिति अत्यंत तनावपूर्ण हो गई है। बीते दो दिनों में पाकिस्तानी गोलीबारी में 13 भारतीय नागरिकों की जान जा चुकी है, जबकि 59 से अधिक लोग घायल हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी साझा की और कहा कि सीमा पर बढ़ते हमलों को गंभीरता से लिया जा रहा है। 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी — जिनमें अधिकांश पर्यटक थे — के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और अधिक बढ़ गया है। जवाबी कार्रवाई में भारतीय सेना ने बुधवार को एक बड़ी सैन्य कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ स्थानों पर स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “सात और आठ मई की रात के दौरान पाकिस्तानी सैन्य चौकियों से कुपवाड़ा, बारामूला, उरी और अखनूर सेक्टरों में छोटे एवं भारी हथियारों से अंधाधुंध गोलीबारी की गई। यह पूरी तरह से बिना किसी उकसावे के किया गया हमला था। भारतीय सेना ने इसका माकूल और सटीक जवाब दिया है। सीमा से सटे गांवों में भय और असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। कई परिवार अपने घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं और अस्थायी शरण स्थलों में रह रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने बताया, “आज सुबह करीब 3 बजे जब गोलाबारी शुरू हुई, हम बाहर आ गए। हर तरफ सिर्फ धुआं और तबाही है। हम सिर्फ शांति चाहते हैं। एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि जिन प्लॉटों पर वे रह रहे हैं, वे सरकार द्वारा आवंटित किए गए थे। उन्होंने कहा, “जब भी गोलीबारी होती है, सरकार हमें पहले से सतर्क कर देती है और हम सुरक्षित स्थानों की ओर लौट जाते हैं। अगर स्थिति सामान्य हो जाए, तो हम वापस लौटना चाहेंगे। एक पीड़ित नागरिक, जिनके बेटे का घर इस गोलीबारी में क्षतिग्रस्त हुआ है, ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, “पाकिस्तान के खिलाफ उठाया गया यह कदम सराहनीय है, पर हमें भी पुनर्वास और मुआवजे की जरूरत है। बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रशासन ने जम्मू क्षेत्र के पांच सीमावर्ती जिलों — पुंछ, राजौरी, सांबा, कठुआ और जम्मू — में सभी शैक्षणिक संस्थानों को गुरुवार को भी बंद रखने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने और आपात स्थिति में प्रशासन से संपर्क बनाए रखने की अपील की है। भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की ओर से की जा रही इन कार्रवाइयों को उजागर करने की तैयारी शुरू कर दी है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, इस मामले को संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर उठाया जाएगा। इस पूरी स्थिति के बीच एक बार फिर यह सवाल उठ खड़ा हुआ है कि कब तक आम नागरिक सीमा पार की राजनीति और हिंसा का शिकार बनते रहेंगे। फिलहाल पूरा क्षेत्र सैन्य निगरानी में है और स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
