रोहतास में शॉर्ट सर्किट से झोपड़ी में लगी आग, 1 वर्षीय बच्चें की झुलसकर दर्दनाक मौत

रोहतास। रोहतास जिले के कोचस थाना क्षेत्र से एक बेहद मार्मिक और दुखद घटना सामने आई है। अमौसी डिहरा गांव में शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने एक साल के मासूम बच्चे की जान ले ली। यह हादसा इतना भयावह था कि पूरे गांव का माहौल ग़मगीन हो गया है और पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है।
मासूम बच्चा अपाहिज दादी के साथ घर में था अकेला
घटना के समय घर में केवल बच्चा और उसकी वृद्ध अपाहिज दादी मौजूद थे। नेपाली कुमार नामक यह एक वर्षीय मासूम अपने पिता भोला चौहान और मां की अनुपस्थिति में घर में था। पिता तिलक समारोह में शरीक होने बाहर गए थे और मां अपने दांतों के इलाज के लिए डॉक्टर के पास गई थीं। परिवार के अन्य सदस्य भी किसी जरूरी कार्य में व्यस्त थे।
शॉर्ट सर्किट से झोपड़ी में लगी आग
घर में अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे झोपड़ीनुमा मकान में आग लग गई। यह आग इतनी तेजी से फैली कि किसी को संभलने का मौका ही नहीं मिला। अपाहिज दादी ने जैसे-तैसे शोर मचाकर लोगों को बुलाने की कोशिश की, लेकिन जब तक गांव वाले मौके पर पहुंचते, तब तक आग लपटों ने बच्चे को अपनी चपेट में ले लिया था।
मौके पर ही हुई दर्दनाक मौत
आग में बुरी तरह झुलसने से नेपाली कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। गांव वालों ने तुरंत आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। बाद में सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को पोस्टमार्टम के लिए सासाराम सदर अस्पताल भेज दिया।
गांव में मातम, परिवार सदमे में
इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को गम में डुबो दिया है। मासूम की मौत से गांव के हर व्यक्ति की आंखें नम हैं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। माता-पिता इस हादसे को समझ ही नहीं पा रहे हैं और लगातार बेसुध हो रहे हैं। गांव में शोक की लहर दौड़ गई है और लोग इस त्रासदी से उबर नहीं पा रहे हैं।
सावधानी की आवश्यकता
यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि शॉर्ट सर्किट जैसे हादसे कितने खतरनाक हो सकते हैं, खासकर झोपड़ीनुमा घरों या कच्चे मकानों में, जहां आग की रोकथाम के साधन सीमित होते हैं। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। बिजली के तारों और उपकरणों की समय-समय पर जांच तथा सही रखरखाव जरूरी है।
सरकारी सहायता की उम्मीद
अब परिवार को न केवल मानसिक बल्कि आर्थिक सहायता की भी आवश्यकता है। ऐसी घटनाओं में सरकार और प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को राहत दी जानी चाहिए ताकि वे इस कठिन समय से बाहर निकल सकें। गांववासियों और सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।

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