November 16, 2025

ऑक्सीजन की किल्लत पर जिला प्रशासन एक्शन में, डीएम ने समीक्षा बैठक में लिया ये फैसला

पटना । ऑक्सीजन की किल्लत पर जिला प्रशासन एक्शन में आ गया है। पटना के डीएम ने गुरुवार को इस मामले को लेकर समीक्षा बैठक की। इसके बाद ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वह सबसे पहले अस्पतालों को ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई करें। अस्पतालों को ऑक्सीजन आपूर्ति करने के बाद ही अन्य जगहों पर इसकी आपूर्ति की अनुमति दी जाएगी। पटना में औद्योगिक क्षेत्र के अंदर सप्लाई करने वाले ऑक्सीजन पर फिलहाल रोक लगाई जा सकती है।

विदित हो कि राजधानी पटना में तेज कोरोना संक्रमण ने ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग बढ़ा दी है। आंकड़ों के मुताबिक पटना में पहले से ऑक्सीजन की डिमांड सात गुना बढ़ गई है। इस कारण ही पटना में ना केवल कोरोना के मरीज बल्कि दूसरे रोगी भी ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। आॅक्सीजन की कमी मरीजों की जान पर भारी पड़ने लगी है।

पटना के ज्यादातर बड़े सरकारी अस्पतालों में कोरोना मरीजों का इलाज हो रहा है और इस वजह से वहां दूसरे रोगी जाने से परहेज कर रहे हैं। पटना के छोटे नर्सिंग होम अन्य रोगियों के लिए इस वक्त वरदान साबित हो रहे हैं लेकिन ऑक्सीजन की कमी से इन प्राइवेट छोटे नर्सिंग होम को जूझना पड़ा है। पटना के कई निजी अस्पताल ऐसे हैं, जिन्हें ऑक्सीजन की कमी से अपने मरीजों को डिस्चार्ज या रेफर करना पड़ा है। पटना के सगुना मोड़ स्थित एक निजी नर्सिंग होम में कई मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिलने से परेशानी हुई। इस अस्पताल ने मरीजों को अपने यहां से डिस्चार्ज कर दिया। अस्पताल प्रबंधन ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि ऑक्सीजन देने वाली एजेंसी ने उसका करार रद्द कर दिया है और ब्लैक मार्केटिंग बढ़ी है।

ऑक्सीजन की कमी को लेकर पटना के एक बड़े निजी अस्पताल जगदीश मेमोरियल ने पटना के डीएम से शिकायत की है। अस्पताल के संचालक डॉ. आलोक ने पटना डीएम से ऑक्सीजन की व्यवस्था कराने की मांग की है। अस्पताल प्रबंधन ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं होता है तो वह अपने यहां मरीजों को भर्ती नहीं ले पाएंगे।

इस तरह ऑक्सीजन की कमी का मामला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तक पहुंचा। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे और विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ पटना सिविल सर्जन को भी मामले की जानकारी दी गई है। ऑक्सीजन की कमी की जानकारी मिलते ही पटना के डीएम ने अन्य अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और उन्होंने निर्देश दिया कि ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियां सबसे पहले अस्पतालों को ऑक्सीजन मुहैया कराएंगी। उसके बाद ही किसी अन्य को प्राथमिकता दी जाएगी।

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