प्रदेश के 12 लाख से अधिक श्रमिकों के बकाया मजदूरी का जल्द होगा भुगतान, 3 माह से नहीं मिला वेतन

पटना। बिहार के लाखों श्रमिकों के लिए राहत की खबर सामने आ रही है। प्रदेश के 12 लाख से अधिक श्रमिकों को पिछले साढ़े तीन महीनों से नहीं मिली मजदूरी का जल्द ही भुगतान होने की उम्मीद है। श्रमिकों का लगभग दो हजार करोड़ रुपये बकाया है। ग्रामीण विकास विभाग मजदूरी के भुगतान को लेकर लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, केंद्र सरकार ने जल्द ही राशि जारी करने का आश्वासन दिया है। संभावना है कि कुछ ही दिनों में श्रमिकों के खाते में मजदूरी की राशि आ जाएगी।
तीन महीने से बंद है भुगतान
बिहार में 27 दिसंबर 2024 के बाद से मजदूरी का भुगतान बंद है। इस कारण मनरेगा के तहत काम कर रहे श्रमिकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। श्रमिकों को मनरेगा योजना के तहत साल में अधिकतम सौ दिनों तक रोजगार मिलता है। इस योजना के तहत उन्हें समय पर मजदूरी मिलनी चाहिए, परंतु पिछले कुछ महीनों से भुगतान रुका हुआ है। ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने कई बार केंद्र से आग्रह किया है। अब केंद्र ने शीघ्र राशि जारी करने का भरोसा दिलाया है।
मानव दिवस की स्वीकृति और काम का आंकड़ा
वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्र सरकार ने बिहार को 17 करोड़ मानव दिवस की मंजूरी दी थी। इसके मुकाबले राज्य सरकार ने 25 करोड़ मानव दिवस का काम श्रमिकों को उपलब्ध कराया है। इस दौरान 4100 करोड़ रुपये से अधिक मजदूरी का भुगतान किया जा चुका है। हालांकि, 27 दिसंबर के बाद से भुगतान प्रक्रिया पूरी तरह ठप पड़ी है, जिससे श्रमिकों में असंतोष है। अब केंद्र से राशि मिलने के बाद मजदूरी का भुगतान फिर से शुरू होगा और श्रमिकों को राहत मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री का बिहार दौरा
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान 12 अप्रैल को पटना आने वाले हैं। उनके दौरे के दौरान ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की जाएगी। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की प्रगति, मनरेगा की स्थिति और नए लाभुकों के चयन के लिए चल रहे सर्वेक्षण की भी समीक्षा होगी। इस दौरान यह भी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिहार के लिए पांच लाख नए आवास की स्वीकृति की घोषणा की जा सकती है। पीएम आवास योजना के अंतर्गत अब तक बिहार में 36 लाख 59 हजार 462 पक्के मकान बन चुके हैं। नए आवास की स्वीकृति से गरीब परिवारों को एक और बड़ी राहत मिलने की संभावना है। ग्रामीण विकास से जुड़ी इन योजनाओं से प्रदेश के विकास को नई गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।
