प्रदेश के कई जिलों में वर्षा का ऑरेंज अलर्ट, वज्रपात को लेकर चेतावनी, चलेगी तेज हवाएं
पटना। बिहार में एक बार फिर मौसम ने विकराल रूप ले लिया है। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश, वज्रपात और तेज हवाओं की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है। खासतौर पर पूर्वी और दक्षिण बिहार के कई जिले इस बार खतरे की जद में हैं।
इन जिलों के लिए जारी हुआ ऑरेंज अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र पटना ने खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, जमुई और बांका जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने और गरज-चमक के साथ भारी बारिश की संभावना जताई गई है। साथ ही वज्रपात की चेतावनी भी दी गई है, जिससे लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
14 जिलों में येलो अलर्ट
इसके अतिरिक्त पटना, नालंदा, जहानाबाद, गया, नवादा, शेखपुरा, बेगूसराय, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, अररिया और किशनगंज जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में भी 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है।
बंगाल की खाड़ी और पश्चिमी विक्षोभ की टकराहट
मौसम की इस अस्थिरता के पीछे बंगाल की खाड़ी से आ रही नम हवाएं और पश्चिमी विक्षोभ की टकराहट को मुख्य कारण माना जा रहा है। मौसम विभाग ने 18 अप्रैल से एक और पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने की आशंका जताई है, जिससे आने वाले दिनों में हालात और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
दर्दनाक हादसा और जनहानि
अरवल जिले के वंशी थाना क्षेत्र में मौसम की मार ने एक परिवार को पूरी तरह उजाड़ दिया। अवधेश यादव, उनकी पत्नी राधिका देवी और बेटी रिंकू कुमारी की खेत में वज्रपात से मौत हो गई। वे बारिश से बचने के लिए पुआल के नीचे बैठे थे, तभी उन पर बिजली गिर गई। यह हादसा पूरे इलाके में शोक का कारण बन गया है।
फसलों को भारी नुकसान
मौसम के इस बदले मिजाज का सबसे अधिक असर किसानों पर पड़ा है। तेज बारिश और आंधी के कारण खेतों में खड़ी गेहूं और मक्का की फसलें बर्बाद हो गई हैं। कटाई से पहले ही फसलें गिर गईं और कई जगहों पर पानी में सड़ने लगी हैं, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है।
जनता को सतर्क रहने की सलाह
मौसम विभाग ने सभी जिलों के लोगों से अपील की है कि वे सावधानी बरतें, घर से बाहर निकलते समय मौसम की स्थिति को ध्यान में रखें, और बिजली चमकने या गरज-चमक के दौरान खुले में न रहें। फिलहाल, प्रशासन भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयारियों में जुट गया है।


