मुख्यमंत्री को विपक्षी एकता के हश्र का हुआ आभास, इसलिए चेन्नई दौरे से नीतीश ने किया किनारा : राजू तिवारी

पटना। लोजपा (रा) के बिहार प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने नीतीश कुमार की विपक्षी एकता मुहिम फिर चुटकी ली है। तिवारी ने कहा कि नीतीश जी को विपक्षी एकता के हश्र का आभास हो गया है, इसलिए वे खुद चेन्नई नहीं गये और अपनी जगह प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव व मंत्री संजय झा को वहां भेज दिए। आगे तिवारी ने कहा कि खुद को PM कैंडिडेट साबित करने के लिए बेचारे नीतीश जी पिछले कई महीनों विपक्षी एकता की जुगत में लगे हैं, लेकिन कांग्रेस ने राहुल गांधी का नाम लेकर उस पर पानी फेर दिया। उन्होंने आगे कहा की नीतीश कुमार जी की हालत उस दुल्हे जैसी हो गई है जो बारात सजाता रहा और ऐन वक्त पर दुल्हन ने वरमाला किसी और को पहना दी। आगे तिवारी ने नीतीश कुमार को सलाह देते हुए कहा कि उन्हें अब विपक्षी एकता से मोह भंग कर लेना चाहिए और शेष बचे समय को अपनी पार्टी बचाने के साथ बिहार और बिहारियों की भलाई में लगाना चाहिए। वही तिवारी ने कहा कि जहां सभी विपक्षी दल एक दूसरे का ही टांग खिचने, पार्टी में सेंधमारी करने में लगे हुए हैं। वहां किसी भी सुरत में विपक्षी एकता संभव नहीं है और अगर हो भी गई तो नीतीश जी को कुछ हासिल होने वाला नहीं। विपक्ष में एक नहीं कई ऐसे चेहरे हैं जो नीतीश जी से उपर हैं और वे कभी नहीं चाहेंगे कि नीतीश कुमार जी उनका नेतृत्व करें। आगे तिवारी ने कहा कि 23 जून को पटना में विपक्षी दलों बैठक होनी तय हुई है लेकिन अभी जो हालात दिख रहे हैं वह स्पष्ट बता रहे हैं कि विपक्षी एकता महज दिवास्वप्न है।

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