कांग्रेस के आग्रह पर विपक्षी एकता की बैठक टली, हम सबको साथ में आकर काम करना है : सीएम नीतीश

  • संपूर्ण क्रांति दिवस पर लोकनायक को सीएम नीतीश ने किया शत-शत नमन, बैठक स्थगित और पुल मामले में दिया जवाब
  • पटना में विपक्षी एकता बैठक करने पर बोले नीतीश, हम तो चाहते हैं सबकी सहमति से जल्द से जल्द बैठक हो
  • पुल टूटने के मामले में विस्तृत जांच होगी, बीजेपी के लोगों काम सिर्फ बोलना है : मुख्यमंत्री
  • अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब हम रेल मंत्री थे उस समय रेल हादसा हुआ तब हमने इस्तीफा दिया

पटना। सोमवार को सम्पूर्ण क्रान्ति दिवस के अवसर पर गाँधी मैदान के दक्षिण- पश्चिम छोर पर स्थित गोलम्बर में स्थापित महान क्रान्तिकारी, स्वतंत्रता सेनानी एवं सम्पूर्ण क्रांति के महानायक लोकनायक स्व. जयप्रकाश नारायण जी की प्रतिमा स्थल पर राजकीय समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोकनायक स्व. जयप्रकाश नारायण की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें शत-शत नमन किया तथा उनके बताये आदर्शों को याद किया। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, उद्योग मंत्री समीर कुमार महासेठ, सूचना प्रावैधिकी मंत्री इसराईल मंसूरी, विधान पार्षद श्रीमती कुमुद वर्मा, पूर्व मंत्री श्याम रजक, पूर्व मंत्री श्री विक्रम कुंवर, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, जेपी सेनानीगण सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकतार्ओं ने लोकनायक स्व. जयप्रकाश नारायण जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धाजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने वहां उपस्थित जे०पी० सेनानियों से मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम पूछा। इस अवसर पर बिहार गीत का गायन किया गया तथा सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के कलाकारों द्वारा भजन कीर्तन एवं आरती पूजन की गयी। पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज ही के दिन पटना के गांधी मैदान से संपूर्ण क्रांति का आगाज हुआ था। आज के दिन लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन करते हैं। लोकनायक जय प्रकाश नारायण जी की भूमिका को सभी को याद करना चाहिए।


पुल टूटने के मामले में विस्तृत जांच होगी, बीजेपी के लोगों काम सिर्फ बोलना है : नीतीश
खगड़िया-अगवानी-सुल्तानगंज के निमार्णाधीन पुल के स्ट्रक्चर गिरने से संबंधित सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निमार्णाधीन पुल का स्ट्रक्चर एकबार पहले और गिरा था उस समय भी हमने पूछा था कि ऐसा क्यों हुआ है। वर्ष 2012 में ही इस पुल के निर्माण करने का निर्णय किया गया था और वर्ष 2014 में इसकी शुरूआत हुई। कल ही जानकारी मिली है कि फिर से इसका स्ट्रक्चर गिरा है, तुरंत हमने विभाग के सभी अधिकारियों को कहा कि जाकर देखिए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई कीजिए। पुल का निर्माण कार्य मजबूत तरीके से हो, इसको लेकर भी हमने अधिकारियों को निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पुल टूटने से मुझे काफी दुख हुआ है। एक दुखद घटना है। इससे जुड़े हर एक मामले में जांच करवाई जाएगी। इस मामले में जो भी दोषी होगा उस पर एक्शन लिया जाएगा।मैंने कल ही इसको लेकर अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत से मामले की विस्तृत जानकारी ली है। विस्तृत जांच करने के बाद दोषियों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले में जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत पड़ी तो निर्माण एजेंसी को भी बदला जाएगा। सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि भागलपुर में जो हुआ है, कुछ समय पहले भी हुआ था। उसी समय हमने कहा कि ऐसा क्यों हुआ। जबकि इसको बनाने के लिए हमने बहुत पहले तय किया था। हमने 2012 में ही बोला था 2014 से काम शुरू हुआ। जिस भी एजेंसी को यह काम दिया गया है इतना देर क्यों हो रहा है। इससे पहले जब गिर गया था तो उस समय भी मैंने कहा था। अब यह वापस फिर से गिरा है कल ही हमको पता चला है। तो तुरंत हमने विभाग के सभी अधिकारियों से कहा कि जाकर देख लीजिए और तुरंत एक्शन लीजिए। यह कोई तरीका नहीं है अब तक तो हो जाना चाहिए था पुल का निर्माण। बहुत-बहुत वक्त हो गया है देर हो गया है अगर समय पर हो गया रहता तो काहे के लिए ऐसा कोई खबर आता। हमको बहुत बड़ा तकलीफ हुआ है। पुल ठीक से नहीं बना रहा है तभी ना गिर जा रहा है भाई अगर ठीक से बनाया होता तो कैसे गिर जाता। इसको तो और मजबूती से बनना चाहिए था जब पहली बार गिर गया था तो और अब तक पूरा हो जाना चाहिए था। खगड़िया – अगवानी – सुल्तानगंज के बीच बन रहे पुल के ऊपरी हिस्से के गिरने पर विपक्षी पार्टियों द्वारा सरकार पर लगाए जा रहे आरोप से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लोग कुछ भी बोलते रहते हैं, उनका काम सिर्फ बोलना है। जो हमारे साथ पहले उपमुख्यमंत्री थे, उनको पार्टी ने कोई जगह नहीं दिया है तो कुछ न कुछ तो बोलना ही है। आज के कार्यक्रम में उनलोगों को भी आना चाहिए था।
अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब हम रेल मंत्री थे उस समय रेल हादसा हुआ तब हमने इस्तीफा दिया
ओडिशा में हुए रेल दुर्घटना से संबंधित प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना दुखद है। हमने इस पर दुख व्यक्त किया है। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब हम रेल मंत्री थे उस समय रेल हादसा हुआ था। हमने घटनास्थल पर जाकर मृतकों को देखा तो काफी तकलीफ हुई थी तो हमने रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन श्रद्धेय अटल जी ने उसे स्वीकार नहीं किया था। हमने उनसे आग्रह कर दोबारा इस्तीफा दिया, उसके बाद उन्होंने मेरा इस्तीफा स्वीकार किया था। डेढ़ साल के बाद जब पुन: मुझे रेल मंत्री बनाया गया तो मैंने प्रधानमंत्री जी से कहा था कि रेलवे सुरक्षा की दृष्टि से जो तय हुआ है उस पर काम किया जाए। उसके चलते रेलवे की स्थिति बेहतर हुई। ओडिशा में जो रेल हादसा हुआ है इसको ठीक से देखना चाहिए कि घटना का कारण क्या है। पहले रेलवे का बजट अलग से पेश होता था। लोकसभा और राज्यसभा में रेल बजट पर विस्तृत चर्चा होती थी। सांसदों की बात सुनी जाती थी और उनकी समस्याओं का निदान भी होता था। रेल बजट को इस सरकार ने खत्म कर दिया। रेल हादसा को लेकर पहले भी एक-दो मंत्रियों ने रिजाईन किया है। रेल मंत्रालय पुराना मंत्रालय है, लोगों की सुरक्षा और सुविधा का ध्यान रखना जरुरी है, लेकिन रेल बजट को हटाकर सब अपने तरीके से किया जा रहा है।
कांग्रेस के आग्रह पर विपक्षी एकता की बैठक टली, हम सबको साथ में आकर काम करना है : सीएम नीतीश
12 जून को पटना में विपक्षी एकता की बैठक होने से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 12 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक के लिए अधिकतर लोगों का समर्थन आ गया था। कांग्रेस 12 तारीख को मीटिंग में आने में असमर्थ थी। हमने कांग्रेस से बात की और कहा है कि आप लोग 12 तारीख की मीटिंग में उपस्थित नहीं हो सकते हैं इसलिए इसे स्थगित किया जा रहा है। आगे का जो भी समय है, आपस में सब से बात करके तय करके हमें बता दीजिएगा। नीतीश ने कहा की कांग्रेस की तरफ से रिक्वेस्ट किया गया कि 12 तारीख की बैठक में उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी नहीं पहुंच सकते हैं क्योंकि उनका पूर्व से ही कार्यक्रम तय था, जिस वजह से वह लोग नहीं आ सकेंगे। कांग्रेस की रिक्वेस्ट के बाद यह बैठक स्थगित कर दी गई। हम तो चाहेंगे कि इसी महीने में और जल्द से जल्द ही बैठक हो लेकिन इस बैठक पर सबकी सहमति भी बननी चाहिए और सब की उपस्थिति भी अनिवार्य है। वही सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता राहुल गांधी 12 जून को पटना आने में असमर्थ हैं। साथ ही स्टालिन भी पटना आने में असमर्थ थे इसलिए 12 की तारीख को बढ़ा दिया गया है। नीतीश कुमार ने कहा कि अधिकतम पार्टियों का समर्थन हमें मिल गया था, लेकिन कांग्रेस पार्टी की सहमति हमें अभी तक नहीं मिली थी। जब कल कांग्रेस से बात हुई तो उन्होंने कहा कि 12 तारीख को मीटिंग स्थगित रखा जाए। हमने कांग्रेस पार्टी से कहा है कि आपलोग भी बैठक के लिए आगे की तिथि को लेकर बात कर लीजिए। सभी पार्टी के अध्यक्ष को आना है इसमें कोई दूसरा आएगा तो अच्छा नहीं लगेगा। आगे इसकी तिथि तय होगी और उसके बारे में आपलोगों को बता दिया जाएगा।

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