October 28, 2025

गोपालगंज में गांव से एक करोड़ रुपए जब्त, एफएसटी ने की छापेमारी, पुलिस और एजेंसियां अलर्ट

गोपालगंज। बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गोपालगंज जिले में पुलिस और जांच एजेंसियां पूरी तरह अलर्ट मोड में हैं। इसी बीच गोपालगंज की थावे विधानसभा क्षेत्र के कबिलासपुर गांव में हुई बड़ी कार्रवाई ने प्रशासन को हिला दिया है। यहां एफएसटी (फ्लाइंग स्क्वॉड टीम) और थावे थाना पुलिस ने संयुक्त छापेमारी कर एक घर से लगभग एक करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं। इस कार्रवाई ने स्थानीय स्तर से लेकर राज्य मुख्यालय तक हलचल मचा दी है।
गुप्त सूचना पर की गई कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, थावे थानाध्यक्ष को गुप्त सूचना मिली थी कि इलाके के एक व्यक्ति के घर में भारी मात्रा में नकद राशि छिपाई गई है। सूचना की पुष्टि के बाद एफएसटी टीम के साथ मिलकर पुलिस ने कबिलासपुर गांव में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस को एक घर से करीब एक करोड़ रुपये नकद मिले। इसके अलावा मौके से कई बैंक पासबुक और दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं।
पुलिस कर रही है जांच
पुलिस ने बरामद राशि की पूरी गिनती अभी तक नहीं की है, लेकिन शुरुआती अनुमान के मुताबिक रकम लगभग एक करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है। साथ ही, पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह धनराशि कहां से आई और इसका उपयोग किस उद्देश्य से किया जाना था। आशंका जताई जा रही है कि यह रकम चुनावी गतिविधियों के लिए उपयोग में लाई जानी थी। फिलहाल इस मामले में कई संदिग्धों से पूछताछ जारी है।
चुनावी संदर्भ में बढ़ी संवेदनशीलता
बिहार में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, ऐसे में चुनाव आयोग ने पुलिस और प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधि या धन के प्रयोग पर तुरंत कार्रवाई की जाए। इस मामले में भी यह माना जा रहा है कि जब्त की गई रकम चुनाव प्रचार या मतदाताओं को प्रभावित करने के उद्देश्य से रखी गई थी। एफएसटी की टीम ने बताया कि चुनावी माहौल में इस प्रकार की कार्रवाई आमतौर पर वित्तीय अनियमितताओं को रोकने के लिए की जाती है।
मुख्यालय की नजर में पूरा मामला
बरामदगी की सूचना मिलते ही पुलिस मुख्यालय और जिला प्रशासन ने पूरे मामले पर निगरानी शुरू कर दी है। वरिष्ठ अधिकारियों ने थावे थाने से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, जांच एजेंसियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि इस रकम का कोई संबंध किसी राजनीतिक दल या उम्मीदवार से तो नहीं है। यदि ऐसा पाया जाता है, तो निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों से पूछताछ
छापेमारी के दौरान स्थानीय ग्रामीणों से भी पूछताछ की गई है। पुलिस का कहना है कि गांव के कुछ लोग संदिग्ध गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं। बरामद पासबुक और दस्तावेजों के आधार पर खातों की जांच की जा रही है, ताकि धन के प्रवाह का पूरा पता लगाया जा सके। पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान किसी निर्दोष व्यक्ति को परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
चुनाव में निष्पक्षता सुनिश्चित करने का प्रयास
प्रशासन ने इस कार्रवाई को चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया कदम बताया है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की छापेमारी और जांच से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी दल या व्यक्ति धनबल का उपयोग कर मतदाताओं को प्रभावित न कर सके। यह कार्रवाई चुनाव आयोग की सख्त निगरानी में की गई है।
नागरिकों से सतर्क रहने की अपील
पुलिस और प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या बड़ी धनराशि के लेनदेन की जानकारी तुरंत स्थानीय थाने या प्रशासनिक अधिकारियों को दें। पुलिस का कहना है कि आम नागरिकों की सतर्कता से ही चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और शांतिपूर्ण बनाया जा सकता है। गोपालगंज में एक करोड़ रुपये की बरामदगी ने यह साफ कर दिया है कि चुनावी माहौल में अवैध धन के इस्तेमाल को लेकर एजेंसियां अब पूरी तरह सक्रिय हैं। यह कार्रवाई न केवल स्थानीय प्रशासन की सजगता का संकेत है, बल्कि इस बात की पुष्टि भी करती है कि आगामी चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हर स्तर पर सख्ती बरती जा रही है। पुलिस की जांच जारी है और आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े और खुलासे हो सकते हैं।

You may have missed