पटना में धंसी पुरानी बिल्डिंग, एक परिवार के चार लोग फंसे, 2 घंटे की मेहनत के बाद किया गया रेस्क्यू
पटना। राजधानी शहर के कदमकुंआ इलाके में मंगलवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब एक पुरानी बिल्डिंग अचानक भरभराकर गिर गई। यह हादसा दलदली रोड स्थित पूनम इलेक्ट्रॉनिक्स के मालिक बिन्नी साव के पुराने मकान में हुआ। इस घटना में एक ही परिवार के चार लोग मलबे में फंस गए थे। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने करीब दो घंटे की कठिन मशक्कत के बाद सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई और बड़ी संख्या में लोग मौके पर जुट गए।
हादसे की शुरुआत और अफरातफरी
स्थानीय लोगों के अनुसार, मंगलवार दोपहर करीब दो बजे अचानक बिल्डिंग से तेज़ आवाज आई और देखते ही देखते मकान का आधा हिस्सा धंस गया। अंदर से लोगों की चीखें सुनाई देने लगीं – “बचाओ, बचाओ!” आवाज सुनते ही आस-पड़ोस के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे। आसपास के लोगों ने तत्काल पुलिस और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। कुछ लोगों ने मोबाइल से वीडियो भी बनाए, जिनमें बिल्डिंग का अगला हिस्सा पूरी तरह गिरा हुआ दिखाई दे रहा था। मकान के अंदर फंसे लोगों ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन रास्ते मलबे से बंद हो चुके थे। अंदर से लोग अपने कपड़े, बर्तन और जरूरी सामान खिड़कियों से बाहर फेंकते नजर आए। बाहर खड़ी भीड़ में कई लोग रेस्क्यू टीम के आने तक खुद से मदद करने की कोशिश करते रहे।
रेस्क्यू ऑपरेशन चला दो घंटे तक
फायर ब्रिगेड, एनडीआरएफ और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची और तत्काल बचाव अभियान शुरू किया गया। टीम ने मकान के अंदर और बाहर दोनों तरफ सीढ़ियां लगाकर लोगों को निकालने का काम शुरू किया। मकान के कमजोर ढांचे को देखते हुए पहले हिस्से को स्थिर किया गया, ताकि रेस्क्यू के दौरान कोई और हिस्सा न गिरे। करीब दो घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद खुशबू कुमारी, पूजा कुमारी, शीला देवी और चंदन शाह को सुरक्षित बाहर निकाला गया। सभी को एहतियातन अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। रेस्क्यू टीम के एक सदस्य ने बताया कि यह अभियान बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि मकान की दीवारें लगातार हिल रही थीं और गिरने का खतरा बना हुआ था।
हादसे के पीछे की वजह – जर्जर मकान और लापरवाही
स्थानीय लोगों के मुताबिक, यह मकान काफी पुराना था और लंबे समय से इसकी मरम्मत नहीं की गई थी। दीवारों में पहले से दरारें आ चुकी थीं। पिछले कुछ दिनों से मकान में लगातार आवाजें आ रही थीं, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। मंगलवार को आखिरकार यह ढांचा भरभराकर गिर पड़ा। मकान के अंदर उस समय करीब पांच से अधिक किरायेदार मौजूद थे। कुछ लोग भागने में सफल रहे, लेकिन चार लोग मलबे में फंस गए। बताया जाता है कि मकान का पिछला हिस्सा अभी भी अस्थिर है और उसके गिरने का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने एहतियातन इलाके को घेर लिया है और आसपास के मकानों को खाली कराने का निर्देश दिया गया है।
पीड़ित परिवार की कहानी
रेस्क्यू किए गए लोगों में शीला देवी ने बताया कि वह पिछले दो-तीन साल से इस मकान में रह रही थीं। उन्होंने कहा, “मैं किराया नहीं देती, मकान मालिक से कोई संपर्क नहीं है। हम गांधी मैदान के पास फुटपाथ पर भूंजा बेचकर गुजारा करते हैं। आज कुछ काम करने के लिए मकान में लगी थी, तभी आगे का हिस्सा गिर गया।” उन्होंने बताया कि गिरते समय मजदूरों ने बांस और बल्ले के सहारे ढांचे को थामने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
प्रशासन और पुलिस की तत्परता
हादसे की सूचना मिलते ही कदमकुंआ थाने की पुलिस, नगर निगम की टीम और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। इलाके में सुरक्षा घेरा बना दिया गया ताकि कोई भी व्यक्ति ढही हुई इमारत के पास न जाए। फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई, यह राहत की बात है। प्रशासन ने घटना की जांच शुरू कर दी है। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि इलाके में कई पुरानी और जर्जर इमारतें हैं, जिनका सर्वे पहले ही शुरू किया गया था। अब इस घटना के बाद कार्रवाई तेज़ की जाएगी और जो इमारतें असुरक्षित हैं, उन्हें तुरंत खाली कराया जाएगा।
स्थानीय लोगों में भय और नाराजगी
हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। आसपास के लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कई बार नगर निगम को इस मकान की खराब स्थिति के बारे में बताया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय निवासी राजेश सिंह ने कहा कि “यह हादसा टल सकता था अगर प्रशासन ने समय रहते बिल्डिंग को गिराने का आदेश दिया होता।” पटना के कदमकुंआ इलाके में हुई यह घटना शहर में मौजूद जर्जर इमारतों की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है। समय रहते रखरखाव न होने के कारण ऐसी घटनाएं बार-बार सामने आती हैं। हालांकि, रेस्क्यू टीम की तत्परता के कारण चारों लोगों की जान बच गई, लेकिन यह हादसा एक बड़ी चेतावनी है कि पुराने मकानों की नियमित जांच और मरम्मत कितनी जरूरी है। प्रशासन ने कहा है कि अब पूरे इलाके में पुराने मकानों का सर्वे कराकर खतरे की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।


