December 17, 2025

बिहार में मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे की अधिसूचना जारी, सीएम के पास सामान्य प्रशासन और निगरानी समेत कई विभाग

पटना। बिहार सरकार ने मंत्रियों के बीच विभागों के बंटवारे को लेकर औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी है। इस अधिसूचना के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि नई सरकार में कौन सा मंत्री किस विभाग की जिम्मेदारी संभालेगा। खास बात यह है कि हाल ही में गठित तीन नए विभागों को भी मंत्रियों के बीच स्पष्ट रूप से आवंटित कर दिया गया है। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार अब नीतिगत फैसलों को जमीन पर उतारने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ना चाहती है।
मुख्यमंत्री के पास रहेंगे प्रमुख और रणनीतिक विभाग
अधिसूचना के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहले की तरह कई महत्वपूर्ण और रणनीतिक विभाग रहेंगे। सामान्य प्रशासन, मंत्रिमंडल सचिवालय, निगरानी और निर्वाचन जैसे विभागों की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के पास ही रहेगी। ये विभाग शासन की रीढ़ माने जाते हैं, क्योंकि इन्हीं के माध्यम से प्रशासनिक समन्वय, नीति निर्धारण और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाती है। इसके अलावा मुख्यमंत्री को नवगठित सिविल विमानन विभाग का भी अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
सिविल विमानन विभाग से बढ़ेगी कनेक्टिविटी
मुख्यमंत्री के पास सिविल विमानन विभाग की जिम्मेदारी आने को राज्य के विकास से जोड़कर देखा जा रहा है। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार हवाई संपर्क और नागरिक उड्डयन से जुड़ी योजनाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता देना चाहती है। बिहार के कई शहरों को हवाई नक्शे पर मजबूती से जोड़ने, छोटे एयरपोर्ट विकसित करने और क्षेत्रीय संपर्क योजनाओं को आगे बढ़ाने में यह विभाग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। मुख्यमंत्री के सीधे नियंत्रण में रहने से इस क्षेत्र में फैसले तेजी से लिए जाने की संभावना है।
शिक्षा क्षेत्र में एकीकृत जिम्मेदारी
मंत्री सुनील कुमार को शिक्षा विभाग के साथ-साथ विज्ञान, प्रावैद्यिकी एवं तकनीकी शिक्षा और नवगठित उच्च शिक्षा विभाग का प्रभार सौंपा गया है। इस व्यवस्था से राज्य की शिक्षा नीति में एकरूपता आने की उम्मीद की जा रही है। स्कूल शिक्षा से लेकर विश्वविद्यालय और तकनीकी संस्थानों तक एक ही मंत्री के अधीन रहने से नीतियों के क्रियान्वयन में तालमेल बेहतर हो सकता है। इससे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और युवाओं को आधुनिक जरूरतों के अनुरूप तैयार करने में मदद मिल सकती है।
युवाओं और रोजगार पर विशेष फोकस
संजय सिंह टाइगर को श्रम संसाधन विभाग के साथ-साथ नवगठित युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। यह विभाग हाल ही में गठित किया गया है और इसे राज्य के युवाओं के भविष्य से जोड़कर देखा जा रहा है। बिहार में बड़ी संख्या में युवा आबादी है, जिसे रोजगार और कौशल से जोड़ना सरकार की बड़ी चुनौती रही है। इस विभाग के माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ाने, स्वरोजगार को प्रोत्साहन देने और कौशल प्रशिक्षण को मजबूत करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
पर्यटन और संस्कृति को मिलेगा नया आयाम
अरुण शंकर प्रसाद को पर्यटन एवं कला-संस्कृति विभाग का प्रभार सौंपा गया है। बिहार ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध राज्य है। बोधगया, नालंदा, राजगीर और वैशाली जैसे स्थल अंतरराष्ट्रीय पहचान रखते हैं। पर्यटन विभाग के प्रभावी संचालन से न केवल राज्य की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। कला और संस्कृति विभाग के साथ संयुक्त जिम्मेदारी से बिहार की परंपराओं और सांस्कृतिक पहचान को नए सिरे से प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर केंद्रित विभाग
सुरेन्द्र मेहता को डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। यह विभाग ग्रामीण अर्थव्यवस्था और किसानों की आय बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन बिहार के ग्रामीण इलाकों में आजीविका का बड़ा साधन हैं। इस विभाग के माध्यम से किसानों और पशुपालकों को तकनीकी सहायता, बाजार सुविधा और सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने पर जोर दिया जा सकता है।
नए विभागों के गठन की पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि 9 दिसंबर को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में तीन नए विभागों के गठन को स्वीकृति दी गई थी। इनमें युवा, रोजगार एवं कौशल विकास, सिविल विमानन और उच्च शिक्षा विभाग शामिल हैं। इन विभागों के गठन के पीछे सरकार की यह सोच रही है कि बदलती जरूरतों के अनुसार प्रशासनिक ढांचे को मजबूत किया जाए। इसके बाद सभी नए विभागों में सचिवों की पोस्टिंग भी कर दी गई थी, जिससे प्रशासनिक स्तर पर काम शुरू हो सके।
अब कामकाज में आएगी तेजी
मंत्रियों के बीच विभागों का औपचारिक बंटवारा होने के बाद अब इन विभागों का कामकाज पूरी तरह गति पकड़ने की उम्मीद की जा रही है। स्पष्ट जिम्मेदारियों के साथ मंत्री अपने-अपने विभागों की प्राथमिकताएं तय कर सकेंगे। इससे योजनाओं के क्रियान्वयन, निर्णय प्रक्रिया और जवाबदेही में भी सुधार आने की संभावना है।
विकास की दिशा में सरकार का संकेत
विभागों के इस बंटवारे से सरकार की प्राथमिकताएं साफ झलकती हैं। शिक्षा, युवा, रोजगार, कनेक्टिविटी, पर्यटन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है। मुख्यमंत्री के पास प्रमुख और नवगठित विभागों का रहना यह दर्शाता है कि सरकार इन क्षेत्रों को लेकर गंभीर है। आने वाले समय में यह देखना अहम होगा कि इन विभागों के जरिए सरकार विकास के अपने लक्ष्यों को किस हद तक जमीन पर उतार पाती है।

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