भाजपा को नीतीश की जरूरत नहीं….उनमें कोई ताकत नहीं, सीएम द्वारा भाजपा से दोस्ती वाले बयान पर बोले मोदी

पटना। सीएम नीतीश द्वारा दिया बयान ‘बीजेपी से उनकी दोस्ती कभी खत्म नहीं होगी’ इसके बाद से शुरू हुआ सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। कभी भाजपा तो कभी सत्ताधरी JDU की तरफ से पलटवार किया जा रहा है। बता दे की जदयू की तरफ से सफाई दी जा रही है कि CM नीतीश ने व्यक्तिगत दोस्ती की बात की थी, वहीं भाजपा ने भी स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि नीतीश अपने सहयोगियों पर दबाव बनाने के लिए समय-समय पर इस तरह का बयान देते रहते हैं और अब भाजपा का जेडीयू के साथ कभी कोई गठबंधन नहीं होगा। बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति के कार्यक्रम में भाजपा से दोस्ती वाला जो बयान दिया उसका कुछ अधिक मतलब नहीं है। बीजेपी बार-बार इस बात को स्पष्ट कर चुकी है कि अब जदयू के साथ भविष्य में न तो कोई संबंध होगा और ना ही कोई गठबंधन बनेगा। नीतीश कुमार इस तरह का बयान सिर्फ राजद व कांग्रेस को डराने के लिए देते हैं। नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस को डराते हैं कि अगर PM पद का उम्मीदवार घोषित नहीं करोगे तो भाजपा के साथ भी जा सकता हूं।


मोदी ने आगे कहा कि नीतीश कुमार भाजपा को नहीं बल्कि राजद और कांग्रेस को डरा रहे हैं। रह रहकर इस तरह का बयान देकर नीतीश कुमार राजद और कांग्रेस को भ्रमित करने का काम करते हैं। भाजपा को न तो कोई भ्रम है और ना ही नीतीश की कोई जरुरत है। नीतीश कुमार के पास कोई वोट नहीं बचा है कि वे उस वोट को NDA को दिला सकें। गठबंधन उनके साथ होता है जिसमें कोई ताकत होती है। नीतीश कुमार के पास कोई वोट नहीं बचा व पिछले विधानसभा चुनाव में 44 सीटों पर सिमट गए तो उनके साथ भाजपा क्यों समझौता करेगी। मोदी ने आगे कहा की समझौता तो ताकतवर के साथ किया जाता है। बिहार में 3 उप चुनाव हुए उसमें दो में नीतीश कुमार बुरी तरह से हार गए एक में बीजेपी को वोट बढ़ा। पिछले एक साल में आरसीपी, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा समेत एक दर्जन जदयू के बड़े नेता नीतीश का साथ छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी की ताकत लगातार बढ़ रही है। बीजेपी चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और मांझी जैसे सहयोगियों के बलबूते NDA लोकसभा का चुनाव लड़ेगी और जैसे 2014 में नीतीश को दो पर आउट किए थे, इसबार उन्हें जीरो पर आउट करने का काम करेंगे।