पार्लियामेंट के अंदर असंसदीय भाषा का प्रयोग करना निंदनीय, ये अमृतकाल नहीं बल्कि विषकाल है : लालू यादव

पटना। संसद के विशेष सत्र के दौरान बीएसपी सांसद दानिश अली के लिए बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा सदन के भीतर अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल करने को लेकर सियासत तेज हो गई है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इसको लेकर तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इशारे पर बीजेपी सांसद ने जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल सदन में किया वह लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है। लालू ने कहा है कि यह इनका अमृतकाल नहीं बल्कि विषकाल है। बीते गुरुवार को लोकसभा में चंद्रयान 3 की सफलता पर बहस के दौरान बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी सदन में बोल रहे थे। इसी दौरान बसपा सांसद दानिश अली ने उन्हें बीच में टोक दिया। जिसके बाद रमेश बिधूड़ी बिफर गए और दानिश अली के लिए अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल किया। जिसको लेकर विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। जिस पर सदन के उपनेता राजनाथ सिंह ने बीच-बचाव किया और बिधूड़ी की तरफ से खेद प्रकट किया। साथ ही उन्होंने रमेश बिधूड़ी के आपत्तिजनकर शब्दों को रिकॉर्ड से हटाने की भी बात कही थी। जिसके बाद किसी तरह से मामला शांत हुआ था। बीजेपी सांसद के सदन में अससंदीय शब्दों का इस्तेमाल करने पर लालू प्रसाद ने हमला बोला है। लालू ने ट्वीट कर कहा है कि प्रधानमंत्री ने देश की समृद्ध संसदीय परंपराओं के विरुद्ध ऐसी विकृत सामाजिक राजनीतिक संस्कृति को जन्म दिया है जिसमें इनकी एक सांसद राष्ट्रपिता गांधी जी के हत्यारे आतंकवादी का महिमा मंडन करती है। पीएम के इशारे पर एक बीजेपी सांसद पार्लियामेंट के अंदर विपक्ष के एक सांसद के लिए जिस अमर्यादित, असंसदीय और तुच्छ भाषा का प्रयोग कर रहा है वह घोर आपत्तिजनक, निंदनीय एवं लोकतंत्र व समाज के लिए चिंताजनक है। यह इनका अमृतकाल नहीं बल्कि विषकाल है।

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