December 3, 2025

महागठबंधन में कोई एकजुटता नही, को-ऑर्डिनेशन कमेटी के नाम पर केवल लॉलीपॉप मिल रहा : जीतनराम मांझी

पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई जब केंद्रीय मंत्री और ‘हम’ पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने महागठबंधन पर तीखी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में कोई भी एकजुटता नहीं है और सब कुछ केवल दिखावे तक ही सीमित है। उनके अनुसार, महागठबंधन में को-ऑर्डिनेशन कमेटी के नाम पर सिर्फ लॉलीपॉप थमाया जा रहा है, जिससे जमीनी स्तर पर कोई ठोस परिणाम नहीं निकल पा रहा है। उनकी यह प्रतिक्रिया उस समय सामने आई जब तेजस्वी यादव को महागठबंधन की को-ऑर्डिनेशन कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। मांझी ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि तेजस्वी को महागठबंधन का नेता नहीं बनाया गया है, केवल एक समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो महज एक औपचारिक कदम है। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि यही स्थिति पहले ‘इंडिया गठबंधन’ की बैठक में भी देखने को मिली थी, जहां को-ऑर्डिनेशन कमेटी तो बनाई गई, लेकिन न तो प्रधानमंत्री और न ही मुख्यमंत्री पद का कोई चेहरा घोषित किया गया। मांझी ने आरोप लगाया कि महागठबंधन में सभी नेता खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मानते हैं और इसी कारण से वहां एकता की भारी कमी है। इसके उलट उन्होंने एनडीए की स्थिति को स्पष्ट और संगठित बताया। उन्होंने कहा कि एनडीए में सत्ता और कुर्सी की नहीं, बल्कि विकास की लड़ाई है। एनडीए की तैयारियों पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि सभी दल मिलकर चुनाव की रणनीति बना रहे हैं और यह निर्णय सामूहिक रूप से लिया जाएगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा। इस बात पर भी उन्होंने स्पष्टता दी कि एनडीए का चेहरा केवल और केवल नीतीश कुमार ही होंगे और उनके नेतृत्व में ही 2025 का विधानसभा चुनाव लड़ा जाएगा।महागठबंधन की हालिया बैठक के बाद कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरू द्वारा मुख्यमंत्री चेहरे पर कुछ भी न कहे जाने पर मांझी ने कहा कि जब कुछ तय ही नहीं हुआ है तो कोई क्या बोलेगा? उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन केवल ‘ख्याली पुलाव’ पकाने में व्यस्त है, जिसकी कोई ठोस नींव नहीं है। अंत में, मांझी ने पश्चिम बंगाल की स्थिति पर भी टिप्पणी की, जहां उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाया कि उनकी शह पर ही वहां कानून व्यवस्था को ताक पर रखा गया है। उन्होंने कहा कि भारत का कोई भी राज्य कानून के खिलाफ नहीं जा सकता और किसी भी घटना पर तत्काल सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। इस प्रकार जीतनराम मांझी ने महागठबंधन को पूरी तरह से असंगठित, अस्पष्ट और अव्यवस्थित बताते हुए उसे जनता के लिए एक अस्वीकार्य विकल्प करार दिया।

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