यूपीआई ट्रांज़ैक्शन पर नहीं लगेगी जीएसटी, विदेश मंत्रालय ने किया साफ, अफवाहों से बचने की दी सलाह

नई दिल्ली। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर एक अफवाह तेजी से फैल रही थी कि यूपीआई के जरिए अगर 2,000 रुपये से अधिक का भुगतान किया जाता है तो उस पर जीएसटी लागू किया जाएगा। इस खबर ने आम लोगों के बीच भ्रम और चिंता पैदा कर दी थी। लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए इसे पूरी तरह से झूठ और आधारहीन बताया है।
वित्त मंत्रालय की सफाई
मंत्रालय की ओर से एक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि सरकार का ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है कि 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर जीएसटी लगाया जाएगा। मंत्रालय ने इसे एक भ्रामक और झूठा दावा बताया और लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह दी।
यूपीआई पर कोई जीएसटी नहीं
वर्तमान में यूपीआई लेनदेन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट यानी एमडीआर लागू नहीं है। जनवरी 2020 से ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने पी2एम यानी व्यक्ति से व्यापारी को किए जाने वाले लेनदेन पर एमडीआर समाप्त कर दिया था। चूंकि एमडीआर नहीं है, इसलिए इन पर कोई जीएसटी भी लागू नहीं होता। यानी यूपीआई से पेमेंट करने पर आपको कोई अतिरिक्त टैक्स नहीं देना पड़ता।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा
सरकार का स्पष्ट उद्देश्य देश में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है। यूपीआई के जरिए लेनदेन में लगातार वृद्धि देखी जा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 में यूपीआई लेनदेन की कुल राशि 21.3 लाख करोड़ रुपये थी, जो मार्च 2025 तक बढ़कर 260.56 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है। इसमें पी2एम लेनदेन की भागीदारी 59.3 लाख करोड़ रुपये तक हो गई है।
प्रोत्साहन योजना का लाभ
यूपीआई के माध्यम से व्यापारी लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने वर्ष 2021-22 से प्रोत्साहन योजना लागू की है। इस योजना के तहत क्रमशः 1,389 करोड़, 2,210 करोड़ और 3,631 करोड़ रुपये विभिन्न वर्षों में आवंटित किए गए हैं। इसका उद्देश्य व्यापारियों को डिजिटल माध्यम से भुगतान स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करना है। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी 1 जुलाई 2017 को देशभर में लागू हुआ था। यह एक अप्रत्यक्ष कर प्रणाली है जिसमें केंद्र और राज्य के कई करों को मिलाकर एक समान टैक्स सिस्टम तैयार किया गया। इसका उद्देश्य कर प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना है। जीएसटी चार टैक्स स्लैब्स में विभाजित है – 5%, 12%, 18% और 28%। साथ ही, कुछ वस्तुएं 0% टैक्स के दायरे में आती हैं। सरकार की स्पष्ट घोषणा के बाद यह साफ हो गया है कि फिलहाल यूपीआई ट्रांजैक्शन पर जीएसटी लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। लोगों से अपील की गई है कि सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।
