केंद्र सरकार के खिलाफ ‘इंडिया’ के अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा में मिली मंजूरी, जानें पूरा मामला

नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस सदस्य गौरव गोगोई द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को चर्चा के लिए स्वीकृति दी। कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने बुधवार को मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग करते हुए नोटिस सौंपा था। लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने महासचिव के कार्यालय को एक नोटिस सौंपा। अविश्वास प्रस्ताव के लिए एक अलग नोटिस भारत राष्ट्र समिति के फ्लोर लीडर नागेश्वर राव ने स्पीकर को सौंपा था। बीआरएस का नेतृत्व तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि इसको लेकर जल्द ही सभी को सूचना दे दी जाएगी। अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष को सदन में सरकार के बहुमत को चुनौती देने की अनुमति देता है, और यदि प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो सरकार को इस्तीफा देना पड़ता है। गोगोई असम से आते हैं और वह लोकसभा में कालियाबोर संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। विपक्षी गठबंधन ह्यइंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंसह्ण (इंडिया) के घटक दलों की मंगलवार को हुई बैठक में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के बारे में फैसला हुआ था। कांग्रेस ने अपने सदस्यों को व्हिप जारी करके कहा है कि वे बुधवार को सुबह साढ़े दस बजे संसद भवन स्थित पार्टी संसदीय दल के कार्यालय में मौजूद रहें।
हम पीएम मोदी का घमंड तोड़ना चाहते है : कांग्रेस
मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया। वहीं, संसद के मानसून सत्र के पांचवे दिन कार्रवाई भी हंगामे के साथ शुरू हुई और इस बीच लोकसभा की कार्रवाई 15 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा में कांग्रेस के व्हिप मनिकम टैगोर ने बताया कि हम पीएम मोदी का घमंड तोड़ना चाहते थे। वे संसद में आकर मणिपुर पर बयान नहीं दे रहे हैं। हमें लगता है कि इस आखिरी हथियार का इस्तेमाल करना हमारा कर्तव्य है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करके इस पर चर्चा की तिथि के बारे में अवगत कराएंगे। लोकसभा में शून्यकाल के दौरान बिरला ने कहा, मुझे सदन को सूचित करना है कि गौरव गोगोई से नियम 198 के तहत मंत्रिपरिषद में अविश्वास प्रस्ताव का अनुरोध प्राप्त हुआ है…कृपया आप (गोगोई) सदन की अनुमति प्राप्त करें। इसके बाद गोगोई ने कहा, मैं निम्नलिखित प्रस्ताव के लिए सदन की अनुमति चाहता हूं-यह सभा मंत्रिपरिषद में विश्वास का अभाव प्रकट करती है। लोकसभा अध्यक्ष ने इस प्रस्ताव की अनुमति देने का समर्थन करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर खड़े होने के लिए कहा। इस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक और कई अन्य विपक्षी दलों के सदस्य खड़े हो गए। इसके बाद बिरला ने कहा, इस प्रस्ताव को अनुमति दी जाती है। इससे पहले 2018 में मोदी सरकार के खिलाफ आखिरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन के अन्य घटक दल मॉनसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं।

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