नशा मुक्ति दिवस पर सीएम ने जारी किया संदेश, नीतीश बोले- हर प्रकार के नशे से मुक्ति का ले प्रण
पटना। राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में मंगलवार को नशा मुक्ति दिवस मनाया गया। ज्ञात हो कि बिहार सरकार प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को नशा मुक्ति दिवस के रूप में मानती है। इस दिन बिहार सरकार लोगों को शराब समेत अन्य नशीले पदार्थ को छोड़ने के लिए जागरूक करने का काम करती है। वहीं इसी कड़ी में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी मंगलवार को नशा मुक्ति दिवस पर अपना संदेश बिहार के लोगों के लिए जारी किया। अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर मुख्यमंत्री ने संदेश लिखते हुए कहा की लोगों को नशा छोड़ना चाहिए इसके साथ-साथ उन्होंने लोगों से हर प्रकार के नशे से मुक्ति के लिए प्रण लेने की अपील की। सीएम नीतीश ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि नशा स्वास्थ्य और समाज दोनों के लिए हानिकारक है।आज नशा मुक्ति दिवस पर हर प्रकार के नशे से मुक्ति का प्रण ले और बिहार को स्वस्थ समृद्ध एवं खुशहाल बनाने का प्रयास करें। उन्होंने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे नशा मुक्ति का संकल्प लें और बिहार को एक स्वस्थ, समृद्ध एवं खुशहाल राज्य बनाने में सहयोग करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि नशा न केवल व्यक्तिगत जीवन को बर्बाद करता है, बल्कि परिवार, समाज और राज्य की प्रगति में भी बाधा उत्पन्न करता है। बिहार सरकार ने नशा मुक्ति को लेकर कई अहम कदम उठाए हैं। 2016 में राज्य में शराबबंदी कानून लागू करना इस दिशा में सबसे बड़ा निर्णय था। इस कानून के तहत राज्य में शराब का उत्पादन, बिक्री और उपभोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया। हालांकि, इस फैसले के बाद कई तरह की चुनौतियां सामने आईं, लेकिन सरकार ने इसे दृढ़ता से लागू करने का प्रयास किया। इसके अलावा, सरकार नियमित रूप से जागरूकता अभियानों, रैलियों और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को नशामुक्ति के महत्व को समझाने का कार्य करती है। विद्यालयों, कॉलेजों और ग्रामीण क्षेत्रों में नशा मुक्ति पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि नई पीढ़ी को नशे की बुराइयों से बचाया जा सके। नशा एक ऐसा अभिशाप है जो न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को खराब करता है, बल्कि परिवार और समाज को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है। नशे की लत के कारण व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है। यह न केवल बीमारियों को जन्म देता है, बल्कि आर्थिक स्थिति को भी कमजोर करता है। परिवार के स्तर पर देखें तो नशे की लत के कारण पारिवारिक तनाव, हिंसा और बच्चों की उपेक्षा जैसी समस्याएं बढ़ती हैं। समाज में अपराध दर बढ़ाने में भी नशा एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसे में, नशा मुक्ति दिवस समाज को इन दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने का एक सशक्त माध्यम है। नशा मुक्ति अभियान तभी सफल हो सकता है जब इसमें सरकार के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी हो। यह जरूरी है कि लोग व्यक्तिगत स्तर पर नशा छोड़ने का संकल्प लें और दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें। परिवार, शिक्षक, समाजसेवी संगठन और सामुदायिक नेता इस अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। बिहार जैसे विकासशील राज्य के लिए नशा मुक्ति का अभियान एक महत्वपूर्ण कदम है। यदि समाज नशामुक्त होगा तो राज्य की जनसंख्या अधिक स्वस्थ और उत्पादक होगी। इससे आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक क्षेत्रों में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयासों से बिहार में नशा मुक्ति अभियान को एक नई दिशा मिली है। नशा मुक्ति दिवस हमें यह याद दिलाता है कि समाज की बेहतरी के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह संदेश न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है। नशे को त्यागने और स्वस्थ जीवन अपनाने का यह संकल्प हर नागरिक के लिए एक नई शुरुआत हो सकता है। बिहार सरकार की यह पहल राज्य को नशामुक्त और खुशहाल बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। नागरिकों की जागरूकता और सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति से ही इस लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। 26 नवंबर का यह दिन हमें याद दिलाता है कि नशा केवल एक व्यक्तिगत समस्या नहीं, बल्कि समाज और देश की उन्नति में बाधा है। आइए, हम सभी मिलकर इस नशा मुक्ति अभियान में अपना योगदान दें और एक स्वस्थ, समृद्ध और नशामुक्त बिहार का निर्माण करें।


