23 दिसंबर से नीतीश शुरू करेंगे प्रगति यात्रा, पश्चिम चंपारण से होगी शुरुआत, पांच जिलों में जाएंगे सीएम
- महिला संवाद यात्रा पर नहीं जाएंगे सीएम…23 से 28 तक प्रगति यात्रा, सेट करेंगे विधानसभा का समीकरण
पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रस्तावित “महिला संवाद यात्रा” का नाम बदलकर अब प्रगति यात्रा कर दिया है। यह यात्रा 23 दिसंबर से शुरू होगी और 28 दिसंबर तक चलेगी। मुख्यमंत्री इस यात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण के बेतिया से करेंगे। इस यात्रा के पहले चरण में वे राज्य के पांच जिलों का दौरा करेंगे। पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महिला संवाद यात्रा पर जाने वाले थे। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के साथ संवाद करना और उनके सशक्तिकरण से जुड़े कार्यों का आकलन करना था। हालांकि, विपक्षी दलों खासकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं ने इस यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस यात्रा पर तंज कसते हुए कहा था कि “अच्छा है, नीतीश जी यात्रा पर जा रहे हैं। नयन सेंकने जा रहे हैं।” लालू यादव के इस बयान को जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने महिलाओं के प्रति अपमानजनक बताया और इसका कड़ा विरोध किया। जेडीयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने कहा कि “आधी आबादी के बारे में इतनी घटिया सोच शर्मनाक है।” उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीतियों की सराहना करते हुए कहा कि उनके ऐतिहासिक फैसलों ने बिहार को महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक मिसाल के रूप में स्थापित किया है।
विपक्षी दलों का विरोध
विपक्षी दलों ने इस यात्रा पर सवाल उठाए और इसे सरकारी खजाने का दुरुपयोग बताया। राज्य मंत्रिमंडल ने महिला संवाद यात्रा के लिए 225 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी थी, जिस पर विपक्ष ने फिजूलखर्ची का आरोप लगाया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि इस यात्रा के बहाने जनता के पैसे को बर्बाद किया जा रहा है। इसके बाद सरकार ने यात्रा का नाम बदलकर इसे प्रगति यात्रा कर दिया, ताकि इसका स्वरूप और उद्देश्य अधिक व्यापक हो सके।
28 दिसंबर को वैशाली में होगा समापन
इस यात्रा के जरिए वे राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा करेंगे और जनता से संवाद करेंगे। पहले चरण में 23 से 28 दिसंबर तक वे पांच जिलों का दौरा करेंगे। नीतीश कुमार अपनी ‘प्रगति यात्रा’ की शुरुआत 23 दिसंबर को पश्चिम चंपारण से करेंगे। इसके बाद 24 दिसंबर को वे पूर्वी चंपारण में रहेंगे। 25 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी के कारण यात्रा स्थगित रहेगी। 26 दिसंबर को यात्रा शिवहर और सीतामढ़ी पहुंचेगी। 27 दिसंबर को मुजफ्फरपुर में उनकी यात्रा होगी। पहले चरण का अंतिम पड़ाव 28 दिसंबर को वैशाली में होगा।
महिला संवाद नहीं अब प्रगति यात्रा
ये यात्रा पहले ‘महिला संवाद’ यात्रा के रूप में योजनाबद्ध थी। बाद में इसका नाम बदलकर ‘प्रगति यात्रा’ कर दिया गया। इस यात्रा के माध्यम से नीतीश कुमार राज्य के विकास कार्यों और जनता की समस्याओं को समझने का प्रयास करेंगे। वे विभिन्न क्षेत्रों के लोगों से मिलेंगे और उनकी बातें सुनेंगे। इस यात्रा से सरकार को नीतियों को और बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
विधानसभा चुनाव से पहले ‘यात्रा’
यह ‘प्रगति यात्रा’ राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इसके जरिए नीतीश कुमार सीधे जनता से जुड़ेंगे और उनकी समस्याओं को समझेंगे। इससे सरकार और जनता के बीच बेहतर तालमेल स्थापित होगा। इस यात्रा के दौरान विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी जायजा लिया जाएगा।
प्रगति यात्रा का उद्देश्य
“प्रगति यात्रा” का मुख्य उद्देश्य बिहार में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करना और जनता से सीधा संवाद स्थापित करना है। मुख्यमंत्री इस यात्रा के दौरान विभिन्न योजनाओं का जायजा लेंगे और आम जनता के साथ-साथ अधिकारियों से भी फीडबैक लेंगे। इसके जरिए राज्य सरकार की नीतियों का जमीनी स्तर पर प्रभाव और कमियों को समझने का प्रयास किया जाएगा।
महिलाओं का सशक्तिकरण
नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं, जिनमें पंचायती राज संस्थानों में 50% आरक्षण, साइकिल योजना, और महिला समूहों के गठन जैसे कार्यक्रम शामिल हैं। महिला संवाद यात्रा भी इसी दिशा में एक कदम था, जिसका उद्देश्य महिलाओं की समस्याओं को सुनना और उन्हें सुलझाने की दिशा में ठोस कदम उठाना था। “प्रगति यात्रा” बिहार के विकास कार्यों की समीक्षा और जनता के साथ संवाद का एक महत्वपूर्ण माध्यम बनेगी। विपक्ष के आलोचना और विवादों के बावजूद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस यात्रा के जरिए बिहार की प्रगति को आम लोगों के स्तर तक ले जाने का प्रयास करेंगे। विकास योजनाओं की जमीनी हकीकत का आकलन और उन पर जनता की प्रतिक्रिया इस यात्रा का मुख्य फोकस होगा। इस पहल के जरिए सरकार अपने कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेगी।


