September 30, 2025

ओवैसी का बड़ा दावा, कहा- बिहार में अगर एनडीए की सरकार बनी तो सीएम नहीं बनेंगे नीतीश, अपना मुख्यमंत्री बनाएगी बीजेपी

नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव का माहौल जैसे-जैसे गर्म हो रहा है, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई है। इसी क्रम में एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी चुनावी मैदान में उतरकर अपनी पार्टी की किस्मत आजमाने का ऐलान कर दिया है। सीमांचल से रैली की शुरुआत करते हुए उन्होंने सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों पर जमकर निशाना साधा।
एनडीए पर बड़ा दावा
ओवैसी ने एक इंटरव्यू में बड़ा दावा किया कि अगर इस बार बिहार में एनडीए की सरकार बनती है तो मुख्यमंत्री पद पर नीतीश कुमार नहीं रहेंगे। उनका कहना है कि भाजपा अब अपना मुख्यमंत्री बनाएगी और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार की भूमिका सीमित हो जाएगी। यह बयान चुनावी रणनीति के लिहाज से काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि नीतीश अब तक भाजपा के साथ गठबंधन की प्रमुख पहचान रहे हैं।
भाजपा की बी टीम कहने पर जवाब
असदुद्दीन ओवैसी पर अक्सर आरोप लगता है कि वह भाजपा की बी टीम हैं और मुस्लिम वोटों को काटकर भाजपा को फायदा पहुंचाते हैं। इस पर पलटवार करते हुए ओवैसी ने कहा कि यह सिर्फ एक आरोप है, हकीकत नहीं। उन्होंने कहा कि उनकी राजनीति स्वतंत्र है और वह किसी के इशारे पर काम नहीं करते।
लालू-तेजस्वी पर भी कटाक्ष
लालू यादव और तेजस्वी यादव के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अगर दुश्मन भी घर आ जाए तो उसे बैठाकर बात करनी चाहिए। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर तेजस्वी और लालू को उनसे इतना डर क्यों है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके दिल में किसी तरह का भय नहीं है और वह सीमांचल में हर उस दल को हराएंगे जो वहां चुनाव लड़ेगा।
सीमांचल में ओवैसी की रणनीति
2020 के विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने सीमांचल क्षेत्र में पांच सीटें जीतकर सबको चौंका दिया था। हालांकि, बाद में चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए। इस बार भी ओवैसी की रणनीति सीमांचल पर ही केंद्रित दिखाई दे रही है। यही वह इलाका है जहां उनकी पार्टी को मुस्लिम वोटों का बड़ा समर्थन मिलता है।
गठबंधन में शामिल होने की शर्त
ओवैसी ने यह भी साफ किया कि अगर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ उन्हें छह सीटें देने पर सहमत हो जाता है तो उनकी पार्टी इस गठबंधन का हिस्सा बन जाएगी। उन्होंने कहा कि उनके बिहार प्रदेश अध्यक्ष ने इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को कई पत्र लिखे हैं। आखिरी पत्र में भी यह प्रस्ताव रखा गया है कि 243 सीटों में से एआईएमआईएम को छह सीटें दी जाएं।
भाजपा को मदद का आरोप टालने की कोशिश
ओवैसी ने कहा कि विपक्षी गठबंधन को यह प्रस्ताव इसलिए दिया गया है ताकि उन पर भाजपा की मदद करने का आरोप न लगे। अगर गठबंधन इस पर कोई उचित जवाब नहीं देता है तो यह साफ हो जाएगा कि असल में भाजपा को मदद कौन कर रहा है। उन्होंने कहा कि अब गेंद विपक्षी गठबंधन के पाले में है।
किशनगंज से शुरू हुई न्याय यात्रा
ओवैसी ने किशनगंज से अपनी तीन दिवसीय सीमांचल न्याय यात्रा की शुरुआत की है। किशनगंज उत्तर बिहार का ऐसा जिला है जहां लगभग दो-तिहाई आबादी मुस्लिम है। यही कारण है कि ओवैसी ने यहां से अपनी यात्रा का आगाज किया ताकि अपनी पकड़ और मजबूत कर सकें। असदुद्दीन ओवैसी का यह दावा कि बिहार में भाजपा अपना मुख्यमंत्री बनाएगी, चुनावी माहौल में बड़ा राजनीतिक संकेत है। वहीं विपक्षी गठबंधन को दिए गए प्रस्ताव से यह साफ है कि ओवैसी अपनी राजनीति को नए आयाम देने की कोशिश कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि ‘इंडिया’ गठबंधन ओवैसी की मांगों पर क्या रुख अपनाता है और सीमांचल में इस बार चुनावी समीकरण किस ओर झुकते हैं।

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