राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद नीतीश ने चुनाव का फूंका बिगुल: अन्य राज्यों में लड़ने की तैयारी, दो राज्यों में करेगें रैली
नई दिल्ली। जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनते ही नीतीश कुमार एक्शन में आ गए हैं। दिल्ली में शनिवार वो अलग-अलग राज्यों के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर हैं। नीतीश ने सबसे पहले छत्तीसगढ़, मणिपुर और हरियाणा के नेताओं ने मुलाकात की है। 21 जनवरी को झारखंड के रामगढ़ में तो 17 फरवरी को हरियाणा के रोहतक में नीतीश कुमार रैली करेंगे। उत्तर प्रदेश के प्रदेश संयोजक ने बताया कि नीतीश कुमार से सकारात्मक बातचीत हुई है। सभी मुद्दों पर बातचीत हुई। जनवरी के आखिर में उत्तर प्रदेश में नीतीश कुमार की रैली होगी। नीतीश जदयू सांसदों के साथ भी मंथन कर रहे हैं। जदयू अब पूरे देशभर में चुनाव लड़ने की तैयारी में है। नीतीश ने ये बैठक दिल्ली के कामराज रोड स्थित अपने आवास पर बुलाई है। नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं। राज्य इकाइयों से उनके यहां की स्थिति जान रहे हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं और सांसदों के साथ बैठक के बाद ही नीतीश कुमार सीट शेयरिंग में अपनी बात रखेंगे।
अन्य राज्यों को लेकर भी मंथन
कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा था कि बिहार में जदयू का गठबंधन राजद के साथ है और यहां का चुनाव भी राजद के साथ मिलकर लड़ा जाएगा। बिहार के अलावा कहां-कहां चुनाव लड़ा जा सकता है, इस पर मंथन वे राज्य इकाइयों के साथ बैठक के बाद करेंगे। शुक्रवार को जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ललन सिंह ने इस्तीफा दिया था। सीट शेयरिंग का फॉर्मूला या सहमति की प्रक्रिया पूरी होने से पहले नीतीश कुमार ने अपने कैंडिडेट के नाम की घोषणा शुरू कर दी है। जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर को सीतामढ़ी से कैंडिडेट बनाने की घोषणा की। इस तरीके से देवेश चंद्र ठाकुर महागठबंधन के पहले कैंडिडेट होंगे जिनके नाम की घोषणा कर दी गई है। फिलहाल सीतामढ़ी से जेडीयू के ही सांसद सुनील कुमार पिंटू हैं। वे लगातार सीएम नीतीश कुमार और जदयू के खिलाफ बयान दे रहे थे।
जातीय गणना पर देश भर में जन जागरण अभियान चलाएंगे नीतीश कुमार
इसके साथ ही नीतीश कुमार अपने जातीय गणना के एजेंडे को लोकसभा चुनाव में देश भर का एजेंडा बनाना चाहते हैं। इसके लिए वे देश के अलग-अलग राज्यों में जन जागरण अभियान चलाएंगे। इसकी शुरुआत जनवरी से झारखंड से करेंगे। इसके अलावा वे एमपी, यूपी व उन हिस्सों में भी जाएंगे जहां कभी उनका संगठन मजबूत रहा है। हालांकि अभी इसका पूरा शेड्यूल जारी नहीं किया गया है। नीतीश कुमार ने इस बात पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है कि जातीय गणना के उनके एजेंडे को इंडिया गठबंधन में कांग्रेस तवज्जो नहीं दे रही है।