जनहित में फैसला ले नीतीश सरकार,माफ करे बिजली बिल,प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा
पटना।कोरोना वायरस संक्रमण के खतरों के मद्देनजर लगाए गए राष्ट्रव्यापी लॉक डाउन के दौरान बिहार के गरीब,मध्यम तथा निम्न मध्यम वर्ग की स्थिति बहुत ज्यादा आर्थिक रूप से प्रभावित हो गई है। उनकी स्थिति को समझते हुए राज्य सरकार को फिलहाल तीन माह का बिजली बिल अनिवार्य रूप से माफ करना चाहिए।बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग किया है कि जनहित से जुड़े इस बड़ी मांग पर विचार कर उचित पहल करें।कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि गरीब मध्यम तथा निम्न मध्यमवर्ग की आर्थिक स्थिति लॉक डाउन के वजह से पूरी तरह से चरमरा गई है।सरकार भली भांति इस तथ्य को समझ रही है।मगर इसके बावजूद प्रभावित तीन माह के बिजली बिल को माफ नहीं किया जाना बिहार सरकार के जन विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करती है।उन्होंने बिहार सरकार से अनुरोध किया है कि लोकतंत्र में सरकारें जनहित के लिए चुनी जाती है न कि मुनाफा कमाने के लिए।अगर आम जनता को राहत का मरहम लगाने से बिजली कंपनियों को कुछ नुकसान भी उठाना पड़े तो जनहित में राज्य सरकार को यह आदेश जरूर जारी करनी चाहिए।वैसे भी बिहार में अन्य राज्यों के मुकाबले बिजली दर अधिक है।अगर राज्य सरकार से जुड़े बिजली कनेक्शनों का बकाया पर चर्चा न करें तो आम उपभोक्ताओं के द्वारा प्रति माह अदा की जाने वाली बिजली बिल के भुगतान से प्रदेश में कंपनियों को अच्छा लाभ प्राप्त होता है।बिहार सरकार को अविलंब जनहित के प्रति गंभीरता दिखाते हुए सभी विद्युत कंपनियों को आदेश देना चाहिए कि तीन माह के सभी घरेलू तथा व्यवसायिक बिजली बिल माफ करे।अगर बिजली कंपनियों को ज्यादा प्रभाव पड़ता हो तो राज्य सरकार सीधे सब्सिडी के तौर पर इन कंपनियों को मदद कर सकती हैं। बिहार प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा कि किसी जमाने में सरकारें जनहित के लिए चुनी जाती थी तथा जनहित के मसलों पर ही संचालित होती थी।मगर अब सरकारें भी निजी कंपनियों की तरह जनता का दोहन कर मुनाफा कमाना चाहती हैं।उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए यह एक वीभत्स प्रयोग है।जिस दिन जनता सच्चाई समझ लेगी ऐसे प्रयोग करने वाले सरकार तथा राजनीतिक दलों को राजनीतिक रुप से ही जमींदोज कर देगी।प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने बिहार सरकार से अपील किया है कि जनहित के मामले को ध्यान में रखते हुए गरीब मध्यम वर्ग के तीन माह के बिजली बिल अविलंब माफ किए जाएं।


