October 28, 2025

नीतीश ने 90 से अधिक प्रत्याशियों के नाम पर लगाई मुहर, कई का कटेगा टिकट, निशांत के चुनाव लड़ने की अटकलें

  • निशांत को चुनाव मैदान में उतारने की चर्चा तेज, हरनौत से लड़ सकते हैं इलेक्शन, अंतिम फैसला लेंगे नीतीश

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर जेडीयू ने अपनी चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें उम्मीदवारों के चयन पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक मुख्यमंत्री आवास में आयोजित हुई, जहां पार्टी के कई प्रमुख नेता मौजूद रहे। इस बैठक के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि जेडीयू ने करीब 90 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम तय कर लिए हैं।
उम्मीदवारों के चयन पर लंबी चर्चा
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने विश्वस्त नेताओं से प्रदेशभर की सीटों की स्थिति पर फीडबैक लिया। सूत्रों के अनुसार, पहले चरण की अधिकांश सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए गए हैं और उन उम्मीदवारों को नामांकन की तैयारी करने का निर्देश भी दे दिया गया है। हालांकि अभी भी लगभग एक दर्जन सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि उम्मीदवारों की सूची को लेकर आंतरिक समीक्षा जारी है और जिन विधायकों का प्रदर्शन कमजोर रहा है, उन्हें इस बार टिकट नहीं देने पर विचार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि 5 से 6 मौजूदा विधायक ऐसे हैं, जिनका टिकट कट सकता है। इनमें वे शामिल हैं जो पिछले कार्यकाल में निष्क्रिय रहे या पार्टी के प्रति निष्ठा नहीं दिखा सके।
वफादारी और सक्रियता पर रहेगा जोर
जेडीयू नेतृत्व ने साफ संकेत दिया है कि इस बार टिकट वितरण पूरी तरह से प्रदर्शन और पार्टी निष्ठा के आधार पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने नेताओं से कहा है कि पार्टी में अनुशासन और निष्ठा सबसे बड़ा मूल्य है, और जो विधायक संगठन की गतिविधियों से दूर रहे हैं, उन्हें आगे मौका नहीं मिलेगा। यह भी बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने चुनावी मैदान में केवल ऐसे उम्मीदवारों को भेजने की बात कही है जो जनता के बीच सक्रिय हैं और जिनकी छवि साफ-सुथरी है। 2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू के 43 उम्मीदवार विजयी हुए थे। बाद में बसपा और लोजपा के एक-एक विधायक जेडीयू में शामिल हो गए, जिससे कुल संख्या 45 तक पहुंच गई थी। अब इनमें से लगभग आधा दर्जन विधायकों को टिकट से वंचित किया जा सकता है। यह कदम पार्टी के भीतर नई ऊर्जा और युवा चेहरों को मौका देने की दिशा में माना जा रहा है।
निशांत कुमार के चुनाव लड़ने की अटकलें
इस बैठक के साथ ही एक और चर्चा ने राजनीतिक गलियारों में जोर पकड़ लिया है—मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को चुनाव मैदान में उतारने की संभावना। नालंदा जिले के कुछ वरिष्ठ जेडीयू नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सुझाव दिया है कि निशांत को हरनौत विधानसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहिए। हरनौत नीतीश कुमार की पुरानी राजनीतिक कर्मभूमि रही है; वे 1985 से 1989 तक इसी सीट से विधायक रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, कई नेताओं ने नीतीश कुमार से व्यक्तिगत रूप से मिलकर निशांत को टिकट देने की मांग रखी है। यह कदम न केवल राजनीतिक दृष्टि से बल्कि भावनात्मक रूप से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि नालंदा नीतीश कुमार का गृह जिला है और हरनौत क्षेत्र में उनका गहरा जुड़ाव रहा है। हालांकि, अभी तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है और अंतिम फैसला खुद नीतीश कुमार ही लेंगे।
भावनात्मक और राजनीतिक दोनों पहलू
निशांत कुमार का नाम राजनीति में पहली बार गंभीरता से चर्चा में आया है। अब तक वे सार्वजनिक जीवन से दूर रहे हैं, लेकिन पार्टी कार्यकर्ताओं का एक वर्ग मानता है कि उनकी एंट्री से जेडीयू को नया चेहरा और नई ऊर्जा मिल सकती है। वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि निशांत चुनाव लड़ते हैं, तो इससे पार्टी के भीतर वंशवाद की चर्चा भी तेज हो सकती है। फिर भी यह कदम नीतीश कुमार के राजनीतिक उत्तराधिकार को लेकर एक नई दिशा तय कर सकता है।
एनडीए में सीट शेयरिंग के बाद होगा औपचारिक ऐलान
पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, उम्मीदवारों की सूची लगभग तैयार है, लेकिन इसका औपचारिक ऐलान तभी किया जाएगा जब एनडीए में सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बन जाएगी। जेडीयू, बीजेपी और अन्य सहयोगी दलों के बीच सीटों का बंटवारा तय होते ही उम्मीदवारों के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे। फिलहाल, जिन सीटों पर जेडीयू को मजबूत माना जा रहा है, वहां पार्टी ने पहले से अपने प्रत्याशी तैयार कर लिए हैं। बिहार चुनाव के नजदीक आते ही जेडीयू ने अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। नीतीश कुमार इस बार संगठनात्मक अनुशासन और मजबूत उम्मीदवारों पर विशेष जोर दे रहे हैं। पार्टी की मंशा साफ है कि निष्क्रिय या असंतुष्ट नेताओं को किनारे किया जाए और नए चेहरों को मौका दिया जाए। वहीं, निशांत कुमार की संभावित एंट्री ने इस चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या नीतीश कुमार अपने बेटे को राजनीति के मैदान में उतारने का फैसला लेते हैं या नहीं। आगामी दिनों में एनडीए की सीट शेयरिंग और उम्मीदवारों की आधिकारिक घोषणा बिहार की सियासत का अगला बड़ा घटनाक्रम साबित हो सकती है।

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