एनडीए सरकार ने पास किया बहुमत परीक्षण, राजद विधायकों का सदन से वाकआउट

  • राजद के 3 सदस्यों का मिला साथ: विपक्ष का वाकआउट, पक्ष में पड़े 129 वोट

पटना। बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन एनडीए सरकार ने बहुमत परीक्षण को साबित कर दिया। सोमवार को राजद को दो दोहरे झटके लगे। पहले उनके तीन विधायक पहले बदलकर सत्ता पक्ष में शामिल हो गए वहीं उसके बाद उनको अपने स्पीकर पद से भी हाथ धोना पड़ा। इसके पहले बिहार विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्वास प्रस्ताव पर पेश किया। बिहार विधानसभा में सोमवार को नीतीश सरकार ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया। वोटिंग से पहले ही विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया था। सत्ता पक्ष की मांग पर वोटिंग करवाई गई। इसमें समर्थन में 129 वोट पड़े। विपक्ष में एक भी वोट नहीं पड़ा। विधानसभा में नीतीश कुमार सरकार के फ्लोर टेस्ट से पहले ही एनडीए गठबंधन सरकार का बहुमत साबित हो गया है। आरजेडी कोटे से स्पीकर बने अवध बिहारी चौधरी को हटाने के प्रस्ताव पर वोटिंग में 125 विधायकों ने सरकार के समर्थन में वोट किया जबकि विपक्ष के साथ 112 विधायक ही रहे। स्पीकर को हटाने में सरकार के साथ 125 विधायकों के खड़े होने से ये साफ है कि नीतीश के पास बहुमत है और अब विश्वास मत पर बहस के बाद मत विभाजन की एक औपचारिकता ही बची है। उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी सदन का संचालन कर रहे थे।
नीतीश ने तेजस्वी को जंगलराज की याद दिलाई
सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पर सभी दलों के बड़े नेता अपने-अपने विचार रख रहे थे सबसे अंत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन को संबोधित किया। सदन में मुख्यमंत्री जैसे ही बोलने के खड़े हुए तो राजद विधायक हंगामा करने लगे। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपने संबोधन में राजद को आड़े हाथों लिया। नीतीश कुमार ने कहा कि अगर कोई हमारी बात नहीं सुनना चाहत फटाफट मतदान हो जाना चाहिए। नीतीश कुमार ने गुस्से में कहा कि लोग मुझे सुनना नहीं चाहते तो वोटिंग करवाइए। नीतीश ने तेजस्वी के माता-पिता का जंगलराज याद दिलाया। नीतीश कुमार बोले- 2005 से जब काम करने क मौका मिला तब से ये 18वां साल है। मुझे तो आश्चर्य होता है, ये लोग सुनना नहीं चाहते हैं। मैंने 15 साल में कितना काम किया है। बिहार का कितना विकास किया। मुझसे पहले इनके पिता और माता 15 साल शासन में थे, तो बिहार का क्या हाल था। शाम को कोई घर से नहीं निकलता था।
हमने सभी विपक्षी दलों को एकजुट किया, लेकिन कांग्रेस डर रही थी
अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता की बातें भी सदन के सामने रखी। उन्होंने कहा कि जब हम एनडीए से अलग होकर आप लोगों के साथ आए थे तब हमने पूरे देश के विपक्षी दलों को एकजुट लाने का प्रयास किया। सब लोगों को एकजुट करने के लिए यहां पर बैठक भी की. मैंने इतने दिन मेहनत की और मैं सबको एकजुट कर रहा था लेकिन कुछ हुआ?. कांग्रेस पार्टी को डर लग रहा था। हम बार-बार कह रहे थे कि बाकि पार्टियों को एकजुट कीजिए. हमें बाद में पता चला कि इनके (तेजस्वी यादव) पिता भी उनके (कांग्रेस) साथ हैं तब मुझे पता चला कि कुछ होने वाला नहीं है और फिर मैं अपनी पुरानी जगह (एनडीए) पर आ गया जहां मैं बहुत पहले था. हम सबको एकजुट कर रहे थे, उसमें कुछ हुआ। और हमको पता चला कि कांग्रेस पार्टी भी डर रही है। और इनके पिताजी भी उनके साथ थे। तब हम पुरानी जगह पर आ गए। अब सब दिन के लिये आ गए हैं। किसी का नुकसान नहीं करेंगे।
इन लोगों ने कई डिपार्टमेंट से पैसा कमाया, हम जांच करवाएंगे
नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि जब यह लोग सरकार में थे तब यह लोग हर डिपार्टमेंट से बहुत सारा पैसा कमा रहे थे तभी तो हम लोग जब अलग हुए तब इन लोगों ने कई लोगों को अपने साथ लाने के लिए गड़बड़ करना शुरू कर दिया। हम इन सारी चीजों की जांच करवाएंगे और रिपोर्ट सदन के सामने रखेंगे लेकिन हम आप लोगों को विश्वास दिलाना चाहते हैं कि हम किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। बस सच्चाई जनता के सामने लाने का काम करेंगे।
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा
फ्लोर टेस्ट पर चर्चा के दौरान बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राजद नेता तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “सबसे पहले हम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देना चाहते हैं कि लगातार 9 बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया। 9 बार तो शपथ ली ही लेकिन एक ही टर्म में उन्होंने तीन-तीन बार शपथ ली है। हमने ऐसा अद्भुत नजारा पहले कभी नहीं देखा है। मैंने नीतीश कुमार को हमेशा ‘दशरथ’ माना था, पता नहीं कि किन कारणों से उन्हें ‘महागठबंधन’ छोड़ना पड़ा।’
स्पीकर चौधरी के समर्थन में 112 वोट ही पड़े
वही इसके पहले आरजेडी कोटे से स्पीकर अवध बिहारी चौधरी को हटाने के पक्ष में 243 सदस्यों की विधानसभा में 125 वोट पड़े। स्पीकर चौधरी के समर्थन में 112 वोट ही पड़े। इससे पहले आरजेडी के तीन विधायक चेतन आनंद, प्रह्लाद यादव और नीलम देवी नीतीश के पाले में चले गए और सदन में सत्ता पक्ष के विधायकों के साथ बैठ गए। स्पीकर को हटाने के बाद नीतीश ने सरकार का विश्वास मत पेश किया है जिस पर बहस चल रही है। नीतीश सरकार का बहुमत साबित करना अब औपचारिकता है क्योंकि आरजेडी कोटे के स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव पास होने से स्पष्ट है कि सरकार के पास नंबर है।
नंद किशोर यादव ने लाया अविश्वास प्रस्ताव
बीजेपी विधायक नंद किशोर यादव समेत सत्ता पक्ष के अन्य विधायकों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस मिलने की जानकारी देने के बाद स्पीकर की कुर्सी से अवध बिहारी चौधरी हट गए और उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी को आगे की कार्यवाही संचालित करने के लिए आसन पर बुला लिया था। स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले सभी दलों के नेताओं ने बहस में हिस्सा लिया। 2022 में जब नीतीश कुमार ने एनडीए छोड़कर आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन सरकार बनाई थी तब बीजेपी कोटे से स्पीकर रहे विजय कुमार सिन्हा ने भी पद छोड़ने से मना कर दिया था। फ्लोर टेस्ट के दिन उन्होंने सदन के अंदर भाषण करने के बाद इस्तीफा दे दिया था। नीतीश के महागठबंधन छोड़ने के बाद लग रहा था कि चौधरी इस्तीफा दे देंगे लेकिन बाद में जेडीयू और हम के विधायकों को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गई जिसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खेला होगा जैसी बातें होने लगी।

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