December 3, 2025

राजद का सीएम पर हमला, मनोज झा बोले- नीतीश को पता भी नहीं और वक्फ कानून पास हो गया, हम लड़ाई लड़ेंगे

पटना। पटना में शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वक्फ कानून को लेकर जमकर घेरा। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार को यह तक जानकारी नहीं थी कि यह कानून पास हो गया है। मनोज झा ने कहा कि यह केवल सियासी मुद्दा नहीं है, बल्कि एक व्यापक सामाजिक और संवैधानिक विषय है।
आरजेडी की सक्रिय भूमिका
मनोज झा ने इस मामले में राजद की भूमिका को स्पष्ट करते हुए कहा कि वक्फ कानून के खिलाफ सबसे पहला पिटीशनर राजद ही था। उन्होंने यह भी बताया कि इस मुद्दे पर संसद में लगातार आवाज उठाई जाती रही है और खुद लालू प्रसाद यादव, जो इस समय एम्स में भर्ती हैं, भी इस पर लगातार चर्चा करते रहते हैं। उन्होंने इसे केवल मुस्लिम समुदाय की नहीं, बल्कि सभी धार्मिक समुदायों की लड़ाई बताया।
समाज के सभी वर्गों की लड़ाई
राजद सांसद ने कहा कि यह कानून केवल मुस्लिमों से जुड़ा नहीं है, बल्कि यह हिंदू, सिख और अन्य धार्मिक समुदायों के अधिकारों से भी जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में धर्म के नाम पर जो कानून बनाए जाते हैं, उनका असर व्यापक समाज पर पड़ता है और ऐसे मामलों में सभी को एकजुट होकर आवाज उठानी चाहिए।
महागठबंधन में नेतृत्व का संकेत
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने मनोज झा से महागठबंधन में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने सीधा जवाब देने से परहेज किया। लेकिन उन्होंने एक संकेत जरूर दिया। उन्होंने कहा कि जैसे सूर्य का उदय पूर्व में होता है, यह एक सार्वभौमिक सत्य है। उनका यह बयान राजनीतिक संकेतों से भरा हुआ माना जा रहा है, जो नीतीश कुमार की भूमिका पर सवाल खड़ा करता है और तेजस्वी यादव की दावेदारी की ओर इशारा करता है।
पश्चिम बंगाल हिंसा पर भी प्रतिक्रिया
पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा और प्रदर्शनों पर भी मनोज झा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा और सार्वजनिक अव्यवस्था की वह निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि यह मामला केंद्र और राज्य सरकार दोनों की जिम्मेदारी है और उन्हें मिलकर स्थिति को नियंत्रित करना चाहिए।
संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की बात
मनोज झा ने अपनी बात समाप्त करते हुए देश की जनता का आभार जताया और कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक लड़ाई नहीं, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जनता इस मुद्दे को गंभीरता से लेगी और भविष्य में ऐसे किसी भी कदम का प्रतिकार करेगी जो उनके मौलिक अधिकारों का हनन करे। यह बयान राजद की ओर से एक बार फिर यह संकेत देता है कि वह राज्य और देश की राजनीति में अपनी भूमिका को लेकर सजग है और संवेदनशील मुद्दों पर मुखर होकर जनता के बीच अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।

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