सीएम नीतीश ने जदयू के शीर्ष नेताओं से की मुलाकात, विभाग बंटवारे को लेकर हुई चर्चा, जल्द होगा ऐलान
पटना। बिहार में नई सरकार के गठन के बाद अब शासन व्यवस्था को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी टीम ने शपथ ग्रहण के 24 घंटे बाद ही विभागों के बंटवारे को अंतिम रूप देने की कवायद तेज कर दी है। शुक्रवार की सुबह से ही मुख्यमंत्री आवास पर राजनीतिक और प्रशासनिक गतिविधियां बढ़ीं, जहां कई वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठकों का दौर चलता रहा।
डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पहुंचे सीएम आवास
सुबह सबसे पहले उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। वे अपने साथ भाजपा के मंत्रियों के लिए प्रस्तावित विभागों की सूची लेकर आए थे। इस सूची पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ विस्तृत चर्चा की गई। माना जा रहा है कि भाजपा नेतृत्व ने अपने मंत्रियों के लिए प्रमुख विभागों की मांग रखी है, जिसे लेकर मंथन चल रहा है। इसके बाद जदयू के वरिष्ठ नेता और मंत्री विजय चौधरी, केंद्रीय मंत्री ललन सिंह और राज्यसभा सांसद संजय झा मुख्यमंत्री आवास पहुंचे। इन नेताओं के साथ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू कोटे से मंत्रियों को मिलने वाले विभागों पर विचार-विमर्श किया। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभागों का संतुलित और प्रभावी बंटवारा सुनिश्चित करना था, ताकि सरकार की कार्यशैली में स्थिरता बनी रहे।
विभागों का बंटवारा अंतिम चरण में
सूत्रों के अनुसार, विभागों के बंटवारे को लेकर चर्चा अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि शाम तक सभी मंत्रियों को उनके विभागों की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी। फिलहाल नीतीश कैबिनेट में 26 मंत्रियों ने शपथ ली है, और इन्हीं मंत्रियों के बीच पहले चरण में विभागों का वितरण होगा। कैबिनेट विस्तार बाद में होने की संभावना है, जिसके तहत कुछ और नेताओं को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। सीएम नीतीश कुमार विभागों के बंटवारे से पहले वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात कर रहे हैं, ताकि प्रशासनिक दृष्टिकोण से भी नियुक्तियां सुचारु रहें। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिन मंत्रियों को जो जिम्मेदारी मिलेगी, वे विभाग के अनुरूप बेहतर कार्य कर सकें।
शपथ ग्रहण समारोह की झलक
गुरुवार को आयोजित भव्य शपथ ग्रहण समारोह में नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही दो उपमुख्यमंत्रियों – भाजपा से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा – ने भी शपथ ली। इसके बाद जदयू और भाजपा कोटे के मंत्रियों ने अलग-अलग क्रम में पद की शपथ ली। जदयू से विजय कुमार चौधरी, विजेंद्र प्रसाद यादव, श्रवण कुमार और अशोक चौधरी ने मंत्रिपद संभाला। भाजपा की ओर से मंगल पांडेय और दिलीप जायसवाल ने शपथ ली। इसके बाद लेसी सिंह, मदन सहनी, नितिन नवीन, रामकृपाल यादव, संतोष सुमन और सुनील कुमार समेत कई नेताओं ने मंत्रिपद की शपथ ली। अंतिम चरण में जमा खान, संजय सिंह टाइगर, अरुण शंकर प्रसाद, सुरेंद्र मेहता, रमा निषाद, नारायण प्रसाद, लखेंद्र पासवान, श्रेयसी सिंह, प्रमोद कुमार, संजय पासवान, संजय सिंह और दीपक प्रकाश ने शपथ ग्रहण किया।
मंत्रिमंडल की संरचना
नीतीश मंत्रिमंडल की संरचना इस बार भी गठबंधन की ताकत को दर्शाती है। भाजपा से 14 मंत्री बनाए गए हैं, जबकि जदयू से 8 नेताओं को जगह मिली है। एलजेपी (रामविलास) को 2 मंत्रालय, हम और आरएलएम को एक-एक मंत्रालय मिला है। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री को छोड़कर 25 मंत्रियों ने शपथ ली है। महिला प्रतिनिधित्व के तौर पर लेसी सिंह, रमा निषाद और श्रेयसी सिंह को मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। वहीं, अल्पसंख्यक समुदाय से केवल एक मंत्री – जमा खान – को शामिल किया गया है, जिससे सामाजिक संतुलन बनाए रखने का संकेत मिलता है। नीतीश सरकार ने शपथ ग्रहण के साथ ही कामकाज की दिशा में तेजी दिखाते हुए विभागों के बंटवारे की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी है। यह स्पष्ट संकेत है कि सरकार प्रशासनिक ढांचे को जल्द से जल्द सक्रिय कर देना चाहती है। विभागों का ऐलान होते ही नई सरकार अपने कार्यकाल का औपचारिक संचालन शुरू कर देगी। आने वाले दिनों में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कौन-कौन से मंत्री किस विभाग की कमान संभालते हैं और नई सरकार किस तरह जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरती है।


