September 12, 2025

अचानक दिल्ली रवाना हुए सीएम नीतीश, सियासी हलचल बढ़ी, साथ गए कई मंत्री

पटना। बिहार की राजनीति में गुरुवार को एक बार फिर बड़ा सियासी मोड़ देखने को मिला जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक दिल्ली के लिए रवाना हो गए। उनके इस दौरे की जानकारी न तो पहले से थी और न ही इस संबंध में किसी आधिकारिक कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। इस अप्रत्याशित दौरे ने बिहार से लेकर दिल्ली तक के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ दो वरिष्ठ मंत्री — अशोक चौधरी और विजय कुमार चौधरी भी दिल्ली रवाना हुए हैं। दोनों ही नेता मुख्यमंत्री के विश्वस्त सहयोगी माने जाते हैं और अक्सर अहम राजनीतिक चर्चाओं में उनकी मौजूदगी देखी जाती है। ऐसे में इस दौरे को महज “शिष्टाचार यात्रा” मानना मुश्किल हो रहा है।जानकारी के अनुसार, नीतीश कुमार दिल्ली में जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के केंद्रीय नेतृत्व से मुलाकात कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वे एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के शीर्ष नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। खास बात यह है कि यह दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम सामने आ चुके हैं और केंद्र में सरकार गठन की कवायद जोरों पर है। नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा ऐसे समय में हुआ है जब एनडीए को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है और नरेंद्र मोदी को एक बार फिर प्रधानमंत्री बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। जदयू ने इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और पार्टी को अच्छी सफलता भी मिली है। सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार दिल्ली जाकर संभावित मंत्रिमंडल में जदयू की हिस्सेदारी को लेकर बातचीत कर सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नीतीश कुमार का यह दौरा केवल पार्टी नेताओं से औपचारिक भेंट तक सीमित नहीं है। संभावना जताई जा रही है कि वे केंद्र की नई सरकार में जदयू की भूमिका को लेकर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय ले सकते हैं। कुछ हलकों में यह भी चर्चा है कि वे उपप्रधानमंत्री पद या अन्य अहम मंत्रालयों को लेकर मोलभाव की स्थिति में हैं। हालांकि मुख्यमंत्री कार्यालय या जदयू की ओर से इस दौरे को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यही कारण है कि इस दौरे को लेकर सस्पेंस और भी गहरा गया है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश कुमार की मुलाकातें केवल पार्टी नेताओं तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि वे दिल्ली में कुछ विपक्षी नेताओं से भी संपर्क कर सकते हैं।बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार को ‘पलटी मार नेता’ के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने समय-समय पर अपने रुख में अप्रत्याशित बदलाव किए हैं। ऐसे में इस दौरे को सामान्य मानना राजनीतिक दृष्टि से जल्दबाज़ी होगी। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि नीतीश कुमार दिल्ली में किन-किन नेताओं से मुलाकात करते हैं और वहां से लौटने के बाद वे क्या बयान देते हैं। फिलहाल इस अनपेक्षित दिल्ली दौरे ने बिहार से लेकर दिल्ली तक के राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है। अब देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार की इस यात्रा से आने वाले दिनों में बिहार और राष्ट्रीय राजनीति में क्या नया मोड़ आता है।

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