मुख्यमंत्री आवास में नीतीश ने जदयू के शीर्ष नेताओं के साथ की बैठक, आगामी चुनाव को लेकर बनाई रणनीति

पटना। बिहार की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट महसूस की जा रही है, क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता दल यूनाइटेड के शीर्ष नेताओं के साथ अपने सरकारी आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें चुनाव से पहले की तैयारियों, संभावित सीट बंटवारे और प्रचार अभियान की रूपरेखा पर चर्चा हुई।
तेजस्वी की बैठक के जवाब में नीतीश की सक्रियता
गौरतलब है कि महागठबंधन की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक दिन पहले ही अपने आवास पर महत्त्वपूर्ण बैठक की थी, जिसमें राजद के अलावा कांग्रेस, वाम दल और अन्य सहयोगी दलों के बड़े नेताओं ने भाग लिया था। उस बैठक में महागठबंधन की चुनावी रणनीति, संभावित सीट शेयरिंग फॉर्मूला और प्रचार अभियान को लेकर रूपरेखा तैयार की गई थी। ठीक इसी के अगले दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आवास पर पार्टी के विश्वस्त नेताओं को बुलाकर बंद कमरे में गहन मंथन किया।
जदयू के प्रमुख चेहरे रहे मौजूद
इस बैठक में जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा, मंत्री विजय कुमार चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी की उपस्थिति रही। ये तीनों नेता पार्टी की रणनीतिक टीम का अहम हिस्सा माने जाते हैं। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आगामी चुनाव के हर पहलू पर विस्तार से चर्चा की और नेताओं से उनके क्षेत्रों की राजनीतिक स्थिति की जानकारी ली।
एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर चर्चा
बैठक के दौरान एक अहम विषय एनडीए के भीतर सीटों का तालमेल रहा। बिहार में जदयू और भाजपा गठबंधन में चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, लेकिन सीट बंटवारे को लेकर अब तक औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक में उन सीटों की समीक्षा कर रहे थे जहां जदयू के पास मजबूत जनाधार है, और साथ ही भाजपा के साथ किस प्रकार का तालमेल बन सकता है, इस पर चर्चा की गई।
प्रचार रणनीति पर भी किया गया विचार
चुनाव केवल संगठन या सीटों के सहारे नहीं जीते जाते, इसके लिए प्रभावी प्रचार भी जरूरी होता है। इसलिए बैठक में इस बात पर भी विचार हुआ कि किन नेताओं को किस क्षेत्र में जिम्मेदारी दी जाएगी। प्रचार अभियान को जनसंपर्क, सोशल मीडिया और जमीनी स्तर पर कैसे प्रभावशाली बनाया जाए, इस पर भी रणनीति बनाई जा रही है।
नीतीश बनाम तेजस्वी की लड़ाई
बिहार की चुनावी तस्वीर धीरे-धीरे स्पष्ट होती जा रही है। एक ओर तेजस्वी यादव युवा और आक्रामक नेतृत्व की छवि के साथ सामने आ रहे हैं, वहीं नीतीश कुमार प्रशासनिक अनुभव और सुशासन के दावे के साथ मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। महागठबंधन और एनडीए, दोनों ही गठबंधन इस बार के चुनाव में अपनी-अपनी ताकत और रणनीति को लेकर सक्रिय नजर आ रहे हैं।
राजनीतिक माहौल गरम, चुनावी रणभेरी बज चुकी है
इन बैठकों से स्पष्ट है कि बिहार की राजनीति अब चुनावी मोड में आ चुकी है। हर दल अपने गठबंधन को एकजुट करने, संगठन को सशक्त बनाने और जनता से संवाद को प्रभावी बनाने में जुटा हुआ है। अगले कुछ हफ्तों में और भी बैठकों, घोषणाओं और रणनीतिक फैसलों की उम्मीद की जा रही है। ऐसे में बिहार की सियासत में आने वाले दिन काफी दिलचस्प और महत्वपूर्ण होने वाले हैं।

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