पटना में 2901 नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को सीएम नीतीश ने दिया नियुक्ति-पत्र

  • स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्यक्रम आयोजित: सम्राट चौधरी ने की अध्यक्षता, क्रेडिट वॉर फिर शुरू

पटना। राजधानी पटना के सचिवालय स्थित संवाद भवन में गुरुवार को नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के 2901 नवनियुक्त आयुष चिकित्सकों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री सम्राट चौधरी ने की। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावे बिहार के दोनों डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद रहे। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के मुख्य सचिव समेत कई अधिकारियों ने भी शिरकत की। इस दौरान नियुक्ति पत्र कार्यक्रम के द्वारा बिहार की जनता को इस बात का संदेश दिया गया कि रोजगार मतलब नीतीश कुमार। बता दे कि नीतीश कुमार के महागठबंधन से नाता तोड़कर एनडीए में शामिल होने के बाद लगातार राजद नौकरी और नियुक्ति का दावा कर रही है। बुधवार को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से सरकारी नौकरी से लेकर नियुक्ति पूरा करने को लेकर अपना दावा सिद्ध किया और नीतीश कुमार पर कई हमले किए। इसके बाद गुरुवार को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम का आयोजन कर तेजस्वी के इस हमले का जवाब दिया गया। दरअसल, लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लगातार कई विभागों की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास कर रहे हैं तो दूसरी तरफ नियुक्ति पत्र का वितरण भी हो रहा है। बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद से कई विभागों में नियुक्ति पत्र वितरित किया गया है। इसी कड़ी में आज स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद आचार संहिता लगते ही इस तरह के कार्यक्रमों पर ब्रेक लग जाएगा। इसलिए मुख्यमंत्री के स्तर से भी सभी विभागों को निर्देश दिया गया था कि जल्द से जल्द उद्घाटन और शिलान्यास के साथ नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम कर लें। ताकि आगे किसी तरह की कोई भी समस्या का समाना न करना पड़े और बाकि के काम भी सुचारु रूप से संचालित होते रहे। जब से बिहार में एनडीए की सरकार बनी है, तब से हजारों करोड़ की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास हो चुका है। वहीं कई विभागों में नियुक्ति पत्र भी बांटा गया है। लेकिन, स्वास्थ्य मंत्री सम्राट चौधरी के विभाग के तरफ से यह पहला कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जिसके तहत आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र सौंपा गया।
राजद, जदयू और बीजेपी में नियुक्ति को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ मची
वही कार्यक्रम के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कार्यक्रम की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा की एनडीए सरकार में नियुक्ति और सरकारी नौकरी की बहार है। रोजगार का मतलब एनडीए सरकार। बता दे कि बीते साल बिहार के कई विभागों में बंपर बहाली है जिसके बाद बिहार की अलग-अलग राजनीतिक पार्टियो की तरफ से नियुक्ति को लेकर अपना अपना दावा किया जा रहा है। जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी तब भी राजद लगातार नियुक्ति को लेकर तेजस्वी यादव को क्रेडिट दे रही थी और जदयू पार्टी की ओर से नौकरी का सूत्रधार नीतीश कुमार को बताया जा रहा था। वहीं अब जब नीतीश कुमार की एनडीए में वापसी हो चुकी है तो जदयू फिर एक बार नौकरी का क्रेडिट नीतीश कुमार को दे रही है वहीं अब बीजेपी बार-बार हर मंचों से यह कहती नजर आती है कि बिहार में नौकरी और नियुक्ति मतलब एनडीए सरकार। अभी भी बिहार की तीन राजनीतिक पार्टियों के बीच नौकरी और नियुक्ति को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ लगी हुई है और यह तीनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप करते हुए नजर आते हैं।
एनडीए में वापसी के बाद लगातार शिलान्यास और उद्घाटन कर रहे नीतीश
बता दे कि बिहार की राजनीति में जब से नीतीश कुमार ने फिर से पाला बदलकर महागठबंधन छोड़ एनडीए के साथ सरकार बनाई है तब से नीतीश कुमार लगातार बिहार के विभिन्न विभागों की लंबित योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास करते नजर आ रहे हैं। जहां एक और एनडीए इसे नीतीश कुमार और पीएम मोदी की दूरदर्शिता बता रही है वहीं राजद लगातार यह आरोप लगा रही है कि यह सभी योजनाएं 17 महीने की महागठबंधन सरकार के कार्यकाल की है जिसे अब नीतीश कुमार पाला बदलने के बाद एनडीए के साथ जाकर उनका उद्घाटन एवं शिलान्यास कर रहे हैं ताकि जनता को यह लगे कि यह सारे विकास के काम एनडीए सरकार के द्वारा किए गए हैं।
नियुक्ति और नौकरी को लेकर नीतीश सरकार पर लगातार हमलावर है तेजस्वी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान में बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव भी लगातार कई मंचों से यह कहते आ रहे हैं कि हमने कहीं विभागों में कई प्रकार की नियुक्ति और योजनाओं की मंजूरी दे दी है लेकिन नीतीश कुमार उन्हें कैबिनेट में नहीं आने दे रहे। वहीं अब एनडीए में जाने के बाद नीतीश कुमार इन सभी योजनाओं का शिलान्यास करके यह बताना चाह रहे हैं कि सभी विकास के काम नीतीश कुमार ने अकेले दम पर किया है लेकिन बिहार की जनता यह जान चुकी है कि हम लोगों ने 17 महीना में कई विभागों में कई लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का काम किया और कई प्रकार की नियुक्तियों को मंजूरी दी जिसे आने वाले समय में एनडीए सरकार कैबिनेट में लायेगी। तेजस्वी यादव ने 2024 के अपने एजेंडा में नौकरी को सबसे ऊपर रखा है। नौकरी की बात करने के कारण ही आज वह युवाओं के बीच एक बेहद लोकप्रिय नेता बनकर उभरे हैं। राजनीति के विशेषज्ञ भी बताते हैं कि रोजगार और नियुक्ति को आधार बनाकर ही राजद आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में जनता के बीच जाएगी और जनता से सरकारी नौकरी और नियुक्ति के आधार पर ही वोट मांगेगी। जहां एक और बीजेपी ने हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को अपना मुद्दा बनाया है वहीं अब बिहार में तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनता दल नौकरी और रोजगार के माध्यम से बीजेपी को चुनावी मैदान में शिकस्त देने का प्रयास करेगी।

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