महिला रोजगार योजना में 3 अक्टूबर को जारी होगी अगली किस्त, धीरे-धीरे महिलाओं के खातों में आएगी राशि
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी हलचल तेज हो चुकी है। ऐसे समय में सरकार आम लोगों, खासकर महिलाओं के लिए बड़ी सौगात लेकर आई है। महिला रोजगार योजना की पहली किस्त के तहत 75 लाख महिलाओं के खाते में 10-10 हजार रुपये की राशि सीधे ट्रांसफर की गई। यह पहल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और रोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
पहली किस्त का वितरण
बीते दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संयुक्त रूप से इस योजना का पहला चरण शुरू किया। इस दौरान डीबीटी के माध्यम से कुल 7500 करोड़ रुपये महिलाओं के खातों में भेजे गए। योजना का सीधा लाभ प्रत्येक परिवार की एक महिला को मिलेगा। इस पहल से यह स्पष्ट है कि सरकार महिलाओं को परिवार और समाज में अधिक सशक्त बनाने की दिशा में गंभीर है।
अगली किस्त की घोषणा
हालांकि कई महिलाओं के खातों में अब तक राशि नहीं पहुंची है। लेकिन इसके लिए चिंतित होने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ कर दिया है कि 3 अक्टूबर को बची हुई महिलाओं के खातों में भी 10-10 हजार रुपये भेज दिए जाएंगे। यानी धीरे-धीरे यह राशि सभी पात्र महिलाओं तक पहुंच जाएगी। इस घोषणा से उन परिवारों को राहत मिली है जिन तक पहली किस्त अभी तक नहीं पहुंच पाई है।
योजना का उद्देश्य
महिला रोजगार योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनाना है। यह राशि सिर्फ मदद भर नहीं है, बल्कि महिलाओं को रोजगार शुरू करने या पहले से चल रहे छोटे कारोबार को आगे बढ़ाने का अवसर भी देगी। सरकार का मानना है कि जब महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी, तो परिवार और समाज दोनों का विकास होगा।
अतिरिक्त सहायता का प्रावधान
योजना में यह भी प्रावधान किया गया है कि जिन महिलाओं का रोजगार बेहतर ढंग से आगे बढ़ेगा, उन्हें भविष्य में दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त आर्थिक सहायता दी जाएगी। यह कदम उन महिलाओं के लिए विशेष प्रोत्साहन होगा जो इस राशि का सही उपयोग करके अपने व्यवसाय या कामकाज को आगे बढ़ाना चाहती हैं।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की मौजूदगी
योजना की शुरुआत के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दोनों मंच पर मौजूद रहे। इस संयुक्त उपस्थिति ने इस योजना की महत्ता और गंभीरता को और अधिक रेखांकित किया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री का इस कार्यक्रम में शामिल होना महिलाओं के लिए गर्व की बात है। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि महिलाएं इस राशि का उपयोग अपने और परिवार के उत्थान के लिए करेंगी।
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कदम
बिहार सरकार का यह प्रयास महिलाओं के लिए सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण का नया द्वार खोलता है। पहले से ही महिलाएं कई योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित होती रही हैं, लेकिन यह योजना उन्हें रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस अवसर प्रदान करती है। रोजगार की संभावना राज्य के भीतर ही बढ़ेगी और महिलाएं परिवार पर आर्थिक बोझ को कम कर सकेंगी।
आत्मनिर्भरता और विकास की राह
स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता पर केंद्रित यह योजना न केवल महिलाओं की स्थिति मजबूत करेगी, बल्कि राज्य और देश की अर्थव्यवस्था को भी नई गति देगी। जब महिलाएं रोजगार से जुड़ेंगी तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे समाज में अपनी भूमिका और मजबूती से निभा पाएंगी। यह पहल केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने की दिशा में भी महत्वपूर्ण है। महिला रोजगार योजना बिहार की महिलाओं के लिए एक बड़ी सौगात है। पहली किस्त जारी होने और अगली किस्त की तारीख तय होने से स्पष्ट है कि सरकार इस योजना को तेजी से लागू करने के पक्ष में है। आने वाले समय में जब महिलाएं इस राशि से छोटे-बड़े कामकाज शुरू करेंगी, तो न सिर्फ उनकी स्थिति में बदलाव आएगा बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। इस योजना से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें नई पहचान दिलाने का रास्ता साफ होता है।


