30 सितंबर से देश में लागू होगी राशन कार्ड की नई व्यवस्था, 1000 की मिलेगी राशि, डीबीटी से खाते में होगा भुगतान
पटना। भारत सरकार 30 सितंबर 2025 से देशभर में राशन कार्ड की नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इस सुधार का उद्देश्य गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को सीधा आर्थिक लाभ उपलब्ध कराना है। साथ ही खाद्य वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी बनाकर उसमें फैले भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाना भी इसका मकसद है।
हर महीने 1000 रुपये की राशि
नई व्यवस्था के तहत सभी पात्र राशन कार्ड धारकों को प्रति माह 1000 रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाएगी। खास बात यह होगी कि यदि कार्ड महिला के नाम पर है, तो राशि सीधे उसी महिला के खाते में जाएगी। इस पहल को महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहित करने के रूप में देखा जा रहा है।
राशन की नई सूची और मात्रा
अब सिर्फ गेहूं और चावल ही नहीं, बल्कि पात्र परिवारों को दाल, तेल, नमक और अन्य पोषणयुक्त खाद्य सामग्री भी प्रदान की जाएगी। सामान्य श्रेणी के कार्डधारकों और अंत्योदय कार्ड धारकों के लिए खाद्यान्न की मात्रा अलग-अलग तय की गई है। इसका मकसद जरूरतमंदों को अधिक संतुलित और पौष्टिक राशन उपलब्ध कराना है।
डिजिटल होगा नया राशन कार्ड
यह पूरी प्रणाली डिजिटल तकनीक पर आधारित होगी। अब सभी राशन कार्ड बायोमेट्रिक सत्यापन और क्यूआर कोड से जुड़े होंगे। इसका सीधा फायदा यह होगा कि फर्जी कार्डों और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। साथ ही सुविधा अधिक पारदर्शी और तेज हो जाएगी।
आधार और ई-केवाईसी अनिवार्य
नई प्रणाली के तहत 5 साल से ऊपर के सभी लाभार्थियों के लिए ई-केवाईसी और आधार लिंक कराना अनिवार्य होगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल वास्तविक पात्र परिवार ही इस योजना का लाभ उठाएं।
प्रवासी मजदूरों के लिए बड़ी सुविधा
नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ उन प्रवासी मजदूरों को मिलेगा जो काम की तलाश में अपने गृह राज्य से बाहर रहते हैं। अब वे देश के किसी भी हिस्से में रहकर अपना राशन प्राप्त कर सकेंगे। “वन नेशन, वन राशन कार्ड” की अवधारणा को इससे और मजबूती मिलेगी।
महिलाओं को प्राथमिकता
राशन दुकानों का संचालन और राशन कार्ड का मुखिया महिला को प्राथमिकता से बनाया जाएगा। सरकार का मानना है कि महिला केंद्रित व्यवस्था से परिवार की खाद्य सुरक्षा को बेहतर बनाया जा सकता है। साथ ही महिला सशक्तिकरण को भी गति मिलेगी।
अतिरिक्त लाभ
नई व्यवस्था के तहत पात्र परिवारों को हर साल छह से आठ सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा किसान परिवारों को मुफ्त उच्च गुणवत्ता वाले बीज भी दिए जाएंगे। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि उत्पादन और घरेलू जीवन दोनों को मजबूती मिलेगी।
ऑनलाइन सेवाओं की सुविधा
राशन कार्ड से जुड़े सभी कार्य जैसे नाम जोड़ना, नाम हटाना या पता बदलना अब पूरी तरह ऑनलाइन किए जा सकेंगे। इससे लाभार्थियों को बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे और समय की बचत होगी।
अपात्र परिवार होंगे बाहर
योजना के लाभ उन्हीं परिवारों को मिलेंगे जिनकी आय तय सीमा के भीतर है। सरकारी कर्मचारी और फर्जी या डुप्लीकेट कार्ड धारक इस योजना से बाहर होंगे। डिजिटल जांच के जरिए ऐसे कार्ड स्वतः रद्द कर दिए जाएंगे।
भ्रष्टाचार पर रोक
राशन कार्ड सुधारों का सबसे बड़ा उद्देश्य फर्जीवाड़े को समाप्त करना है। डिजिटल जांच और बायोमेट्रिक सत्यापन से फर्जी कार्ड बनने की संभावना लगभग समाप्त हो जाएगी। इससे सच्चे लाभार्थियों तक सीधे फायदा पहुंचेगा। भारत सरकार की यह सुधारात्मक पहल गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है। प्रतिमाह 1000 रुपये की राशि, पोषणयुक्त खाद्यान्न, महिलाओं को प्राथमिकता, प्रवासी श्रमिकों की सुविधा और ऑनलाइन सेवाओं की उपलब्धता इस नई व्यवस्था को और प्रभावी बनाएगी। अब देखने की बात यह होगी कि जमीनी स्तर पर इसे कितना सुचारु रूप से लागू किया जा पाता है। लेकिन इतना तय है कि 30 सितंबर से शुरू होने वाला यह बदलाव राशन कार्ड व्यवस्था में एक नए युग की शुरुआत करेगा।


