पटना में स्कूलों का नया शेड्यूल जारी, गर्मी के कारण 11:30 बजे के बाद नहीं चलेगी कक्षाएं

  • पटना डीएम ने जारी किया सख्त आदेश, 12 से 17 मई तक प्रभावी रहेगा निर्णय

पटना। भीषण गर्मी और लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने स्कूलों के संचालन समय में बड़ा बदलाव किया है। बच्चों की सेहत और सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए जिला पदाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने आदेश जारी किया है कि 12 मई से 17 मई 2025 तक पटना जिले के सभी स्कूलों में, चाहे वह सरकारी हों या निजी, साथ ही प्री-स्कूल से लेकर सीनियर सेकेंडरी तक, किसी भी प्रकार की कक्षा दोपहर 11:30 बजे के बाद संचालित नहीं की जाएगी। यह आदेश आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी लागू होगा। डीएम के अनुसार दोपहर में बढ़ते तापमान के चलते बच्चों में लू लगने और बीमार पड़ने की आशंका बनी रहती है, जो उनके जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकती है। इसको ध्यान में रखते हुए स्कूलों के समय में बदलाव करने का निर्णय लिया गया है। जारी आदेश के अनुसार, सभी स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वे तत्काल प्रभाव से अपनी टाइम टेबल में आवश्यक संशोधन करें और सुनिश्चित करें कि सभी कक्षाएं 11:30 बजे पूर्व ही समाप्त हो जाएं। किसी भी हालत में इस अवधि के दौरान दोपहर के समय पढ़ाई नहीं कराई जाएगी। डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह कदम पूरी तरह से बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे इस आदेश का पूर्णतः पालन सुनिश्चित कराएं। साथ ही अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को दिन के समय अनावश्यक रूप से धूप में बाहर न भेजें, उन्हें भरपूर मात्रा में पानी दें और हल्के, सूती कपड़े पहनाएं ताकि गर्मी से उनका बचाव हो सके। पटना में पिछले कुछ दिनों से तापमान 42 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। दोपहर में लू जैसी स्थिति बन रही है, जिससे खासकर छोटे बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का भी मानना है कि ऐसी परिस्थितियों में बच्चों को अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है। जिला प्रशासन का यह निर्णय अभिभावकों और शिक्षकों के बीच राहत लेकर आया है। कई स्कूलों ने पहले ही गर्मी के चलते समय में आंशिक परिवर्तन किया था, लेकिन अब प्रशासनिक आदेश के बाद सभी को इसका पालन करना अनिवार्य कर दिया गया है। स्कूल प्रबंधन समितियों ने भी आदेश का समर्थन करते हुए कहा है कि वे बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हैं और आवश्यकतानुसार अपनी शैक्षणिक योजना में बदलाव करेंगे।

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