मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड: मीडिया रिपोर्टिंग से रोक हटी

पटना। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए मीडिया रिपोर्टिंग पर लगी रोक को हटा दिया है। लेकिन कोर्ट ने कहा है कि इंटरव्यू और पीड़ित का चेहरा दिखाने पर पाबंदीे जारी रहेगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कहा है कि अब वो खुद इस मामले की जांच की मॉनिटरिंग करेगी। कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट को आदेश दिया है कि वो इस मामले में अपनी सुनवाई टाल दे। कोर्ट ने सीबीआई से चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है। इससे पहले पटना हाईकोर्ट सीबीआई जांच की मॉनिटरिंग कर रही था। शेल्टर होम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर सख्ती दिखाते हुए आइटी विभाग से उसकी संपत्ति की जांच करने का निर्देश दिया है। वहीं कोर्ट ने चंद्रशेखर, मंजू वर्मा के अवैध हथियार की जांच करने का आदेश देते हुए बिहार सरकार के दिए गए साढ़े चार करोड़ रुपये अनुदान की भी जांच करने को कहा है। कोर्ट ने पैसे हिसाब बताने को कहा है कि शेल्टर होम के जारी पैसे का इस्तेमाल कब और कहां हुआ? इसके साथ ही कोर्ट ने बिहार सरकार को आदेश दिया है कि जिन लड़कियों को ब्रजेश ठाकुर संचालित शेल्टर होम से कहीं और शिफ्ट किया गया है उस बारे में हलफनामा दायर करें। बता दें कि पटना हाइकोर्ट ने मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर यह कहकर रोक लगा दी थी कि इससे जांच प्रभावित होता है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को रद कर दिया था, जिसमें नई जांच टीम बनाने की बात कही गई थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।

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