October 28, 2025

मोतिहारी में 4 किलो अफीम के साथ नेपाली नागरिक गिरफ्तार, एनसीबी ने गुप्त सूचना पर दबोचा

मोतिहारी। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मादक पदार्थों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय हो गई हैं। इसी कड़ी में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की पटना टीम ने सोमवार को एक बड़ी सफलता हासिल की है। एनसीबी ने मोतिहारी जिले से नेपाल के एक नागरिक को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से चार किलो अफीम बरामद की गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस अफीम की कीमत करीब 50 लाख रुपये आंकी गई है। एजेंसी ने न केवल नेपाली तस्कर को पकड़ा बल्कि उसके स्थानीय संपर्क व्यक्ति, यानी रिसीवर को भी दबोच लिया है।
गुप्त सूचना पर की गई कार्रवाई
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एनसीबी को गुप्त सूचना मिली थी कि नेपाल से एक व्यक्ति अफीम की बड़ी खेप लेकर मोतिहारी की ओर आने वाला है। सूचना मिलते ही एनसीबी की टीम ने इलाके में जाल बिछा दिया। संदिग्ध व्यक्ति के आने पर उसे रोककर तलाशी ली गई, जिसमें चार किलो अफीम बरामद हुई। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह अफीम नेपाल से लाया था और मोतिहारी में अपने स्थानीय संपर्क को देने वाला था। एनसीबी की टीम ने तुरंत जाल बिछाकर रिसीवर को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों को हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ की जा रही है।
नेपाल से जुड़ा है नशे का नेटवर्क
जांच में यह बात सामने आई है कि बिहार और नेपाल की खुली सीमा का फायदा उठाकर मादक पदार्थों की तस्करी का नेटवर्क तेजी से फैल रहा है। नेपाल के तराई इलाकों से अफीम और चरस की खेप अक्सर सीमावर्ती जिलों—मोतिहारी, रक्सौल, सीतामढ़ी और अररिया—के रास्ते बिहार और उत्तर प्रदेश तक पहुंचाई जाती है। एनसीबी की शुरुआती जांच में पता चला है कि गिरफ्तार तस्कर लंबे समय से इस नेटवर्क से जुड़ा था और कई बार नेपाल से अफीम की खेप भारत में सप्लाई कर चुका है। एनसीबी सूत्रों के मुताबिक, चुनावी मौसम में नशे के कारोबार में अचानक तेजी देखी जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि मादक पदार्थों की सप्लाई का इस्तेमाल चुनावी खर्च या राजनीतिक गतिविधियों को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है। इसी कारण एजेंसी ने हाल के दिनों में सीमावर्ती इलाकों में निगरानी और तलाशी अभियान तेज कर दिया है।
अफीम की कीमत और उपयोग
बरामद की गई अफीम की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 50 लाख रुपये बताई जा रही है। अफीम से हेरोइन और मॉर्फीन जैसे नशीले पदार्थ तैयार किए जाते हैं, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अवैध रूप से बेचे जाते हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में अफीम की खेती पर सख्त प्रतिबंध के बावजूद नेपाल से तस्करी के जरिए इसकी आपूर्ति जारी है। एनसीबी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले छह महीनों में बिहार-नेपाल सीमा से अफीम और चरस की 20 से अधिक खेप पकड़ी जा चुकी हैं।
तस्करों के निशाने पर सीमावर्ती जिले
मोतिहारी, रक्सौल, बेतिया और सीतामढ़ी जैसे सीमावर्ती जिलों में नशे का कारोबार लगातार फैल रहा है। इन इलाकों में छोटी-छोटी सीमा चौकियों और ग्रामीण रास्तों का इस्तेमाल कर तस्कर नशे की खेप को भारत में प्रवेश कराते हैं। सीमापार तस्करी में कई स्थानीय नेटवर्क भी सक्रिय हैं, जो नेपाली तस्करों को लॉजिस्टिक सपोर्ट और खरीदार मुहैया कराते हैं। इस नेटवर्क पर एनसीबी और स्थानीय पुलिस ने पिछले कुछ महीनों में कई बार शिकंजा कसा है, लेकिन तस्करों की गतिविधियां पूरी तरह नहीं थमी हैं।
एनसीबी की सख्ती और आगे की कार्रवाई
एनसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों से पूछताछ जारी है। एजेंसी इस बात की तहकीकात कर रही है कि अफीम की यह खेप किसे सप्लाई की जानी थी और इसके पीछे कौन-कौन से लोग शामिल हैं। संभावना जताई जा रही है कि यह नेटवर्क नेपाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में फैला हुआ है। अधिकारी ने यह भी कहा कि चुनाव से पहले राज्य में नशे के कारोबार पर पूरी तरह नकेल कसने के लिए निगरानी बढ़ाई जा रही है। एनसीबी ने हाल के दिनों में बिहार में कई बड़ी कार्रवाइयाँ की हैं। पिछले महीने पटना और सासाराम में भी अफीम और चरस की बड़ी खेप बरामद की गई थी। एजेंसी का कहना है कि बिहार-नेपाल सीमा पर विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें ड्रोन सर्विलांस और स्थानीय पुलिस की मदद भी ली जा रही है।
स्थानीय पुलिस और एजेंसी का संयुक्त अभियान
मोतिहारी पुलिस भी एनसीबी के साथ इस मामले में समन्वय बना रही है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार नेपाली नागरिक की पहचान और उसके आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जा रही है। वहीं, स्थानीय रिसीवर के मोबाइल और बैंक खातों की भी जांच की जा रही है ताकि उसके अन्य संपर्कों का पता लगाया जा सके।
चुनाव से पहले नशे पर नकेल
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और इसी दौरान एनसीबी की यह कार्रवाई सुरक्षा एजेंसियों की सक्रियता को दर्शाती है। पिछले कुछ सप्ताहों में राज्य के कई जिलों में ड्रग्स और शराब की तस्करी के मामलों में वृद्धि देखी गई है। चुनाव आयोग के निर्देश पर प्रशासन ने सभी जिलों में निगरानी को कड़ा कर दिया है ताकि चुनावी प्रक्रिया पर किसी तरह का अवैध प्रभाव न पड़े। एनसीबी अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सीमावर्ती इलाकों में और भी बड़े स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। एजेंसी का लक्ष्य है कि बिहार को नशे के जाल से मुक्त किया जाए और चुनावी माहौल को स्वच्छ रखा जाए।

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