December 8, 2025

नेपाल सरकार ने जारी किया बड़ा फरमान, भारत से कोरोना जांच और वैक्सीन सर्टिफिकेट के बाद ही मिलेगा लोगों को प्रवेश

बिहार। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए भारत-नेपाल सीमा पर भी सख्ती बढ़ा दी गई है। नेपाल में प्रवेश से पहले टीका लेने का प्रमाणपत्र और कोरोना की जांच को अनिवार्य कर दिया गया है। उत्तर बिहार में चम्पारण से लेकर मधुबनी जिला तक नेपाल की सीमा सटा है। नेपाल सीमा पर दोनों देशों की ओर से हेल्प डेस्क अथवा मेडिकल टीम की तैनाती कर दी गई है जिनपर  आने-जाने वालों की जांच की जिम्मेवारी है। इसके साथ ही भारतीय क्षेत्र में एसएसबी और नेपाल में नेपाल एपीएफ के जवान भी बॉर्डर क्रॉस करने वालों पर नजर रख रहे हैं।

वीरगंज बॉर्डर नेपाल में सख्ती, भारतीय क्षेत्र में खानापूर्ति

पूर्वी चम्पारण के रक्सौल बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच लोगों की आवाजाही जारी है। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए नेपाल जाने वाले भारतीय नागरिकों की नेपाल में मास्क जांच के साथ कोविड वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट मांगा जा रहा। संदिग्ध पाए जाने पर कोविड जांच भी की जा रही है। रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर उन्हें लौटाया जा रहा है। वीरगंज बॉर्डर स्थित हेल्थ डेस्क की इंचार्ज डॉ। अनिशा महतो ने बताया कि वीरगंज में दो लोगों की एक सप्ताह में कोविड से मौत के बाद जांच में सख्ती बढ़ा दी गई है। इधर, रक्सौल बॉर्डर पर भारतीय सीमा में मास्क जांच व कोविड जांच की खानापूर्ति जारी है। मुख्य सीमा पर कोविड जांच की बजाय मैत्री पुल के पास कैम्प लगा कर जांच हो रही है।

सीतामढ़ी बॉर्डर पार करने वालों की होती है कोविड जांच

सीतामढ़ी में नेपाल बॉर्डर पर दोनों देशों के आने-जाने वालों की कोरोना जांच की जाती है। जिले से बैरगनिया, भिठ्ठामोड़, व सोनबरसा प्रमुख बॉर्डर हैं। इसके अलावा मेजरगंज से भी लोग आते-जाते हैं। बॉर्डर पर भारत और नेपाल दोनों ओर से जांच की व्यवस्था है। इसके साथ ही कस्टम कार्यालय के पास टीका के दोनों डोज के प्रमाणपत्र की भी जांच की जाती है। सीएचसी की ओर से  भिठ्ठामोड़ बार्डर पर नेपाल आने-जाने वाले लोगों की जांच के लिए टीम की तैनाती की र्ग है। सीएचसी के प्रभारी डॉ. आरके सिंह ने बताया कि चिकित्सक के नेतृत्व में जांच टीम प्रतिदिन लगभग छह सौ लोगों की जांच कर रही है। वहीं लगभग 300 लोगों का सैंपल आरटीपीसीआर जांच के लिये सीतामढ़ी भेजा जा रहा है। बताया कि जिन लोगों में कोई लक्षण नजर आता है, उनकी प्राथमिकता के आधार पर जांच की जाती है। वहीं नेपाल कस्टम कार्यालय पर भी टीका लेने के सर्टिफिकेट की जांच की जाती है। कभी-कभी आरटीपीसीआर और रैपिड एंटिजेन जांच रिपोर्ट भी देखी जाती है।

मधुबनी में कोरोना जांच रिपोर्ट नेगेटिव के बाद ही बॉर्डर से मिलता प्रवेश

इंडो नेपाल बॉर्डर पर दोनों देश के जवान अलर्ट पर है। आने जाने वालों को अन्य जांच के साथ कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव देखने के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है। भारतीय क्षेत्र में बीओपी पर एसएसबी सघन जांच कर रह हैं तो नेपाल में एपीएफ के जवान कोरोना प्रोटोकॉल से जुड़े नियमों के साथ कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट वालों को ही प्रवेश दे रहे हैं। बता दें कि इंडोनेपाल के खुले रास्ते में कोरोना वायरस के रोगी की सम्भावना को लेकर दोनों देश के सुरक्षा बल अलर्ट मोड में है। एसएसबी के 48वीं के कमांडेंट चंद्रशेखर ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बॉर्डर पर जवानों को सरकार के निर्देशानुसार कोरोना प्रोटोकॉल पालन करने वालो को ही आनेजाने को निर्देशित किया गया है।

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