December 6, 2025

BIHAR : कोविशील्ड, कोवैक्सीन के अलावा सुई रहित जायकोव-डी का टीका भी ले सकते हैं लाभार्थी

  • 1.52 लाख लाभुक ले सकेंगे जायकोव-डी का डोज

पटना। कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ बिहार के जिले में जोर शोर से टीका अभियान चलाया जा रहा है। इस क्रम में जिले में अब तक कोविशील्ड और कोवैक्सीन के टीके लगाए जा रहे थे, लेकिन टीके से अब तक वंचित लोगों को तीसरे विकल्प के रूप में जायकोव-डी का भी टीका लगाया जाएगा। शुरूआती दौर में पटना सहित बिहार के 5 जिलों में इस्तेमाल किया जाएगा। यह एक सुई रहित टीका है, जिसकी तीन खुराकें लगाई जाएंगी। बड़ी संख्या में पात्र लोगों को अभी तक टीके की पहली खुराक भी नहीं मिल पाई है। वैसे लोगों को अब जायकोव-डी भी दिया जाएगा। अभी इस टीके की खुराक केवल वयस्कों को ही देने का फैसला किया है। बिहार में यह वैक्सीन पटना के अलावा भागलपुर, जमुई, मधुबनी, मुजफ्फरपुर जिला में उपलब्ध होगी। पटना जिला हेतु 1,52,917 डोज उपलब्ध कराया गया है।
वैक्सीन की तीन खुराक है लेनी
सिविल सर्जन डॉ. विभा सिंह ने बताया जायकोव-डी के हर डोज के बीच कम से कम 28 दिन का अंतराल रहेगा। यानी पहला डोज लेने के 28वें दिन दूसरा डोज और 56वें दिन तीसरा डोज (बूस्टर) डोज लेना है। यह पहला ऐसा टीका है जिसमें तीन डोज लेनी है। देश में 3 डोज वाली यह पहली वैक्सीन है और पहले डोज के उपरांत 28 दिन पर दूसरा डोज दिया जायेगा। तीसरा यानि बूस्टर डोज फिर 28 दिनों के उपरांत दिया जायेगा।
सुई से नहीं लगाई जाएगी वैक्सीन
डॉ. विभा ने बताया, इस वैक्सीन के बारे में एक और खास बात है। यह सुई से नहीं लगाई जाएगी। इसे एक खास डिवाइस (इंजेक्टर) के जरिए लगाया जाएगा। इस तकनीक से वैक्सीन लगने की वजह से दर्द नहीं होगा। कोवैक्सीन के बाद यह दूसरी वैक्सीन है, जो पूरी तरह से देश में निर्मित है। टीके के लिए वैक्सीनेटरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिला को 24 इंजेक्टर का आवंटन किया गया है। एक इंजेक्टर से एक व्यक्ति को 2 डोज लगाया जा सकता है और एक इंजेक्टर कुल 20,000 लोगों को टीका लगाने की क्षमता रखता है।

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