बिहार विधानसभा: रुझानों में एनडीए को प्रचंड बहुमत, 157 सीटों पर आगे, महागठबंधन की 73 सीटों पर बढ़त, जदयू बनी सबसे बड़ी पार्टी
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों की गिनती जारी है और शुरुआती रुझानों से स्पष्ट हो रहा है कि इस बार राज्य की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। कुल 243 सीटों पर हो रही मतगणना में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए प्रचंड बहुमत के साथ आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। अब तक प्राप्त रुझानों के अनुसार एनडीए 157 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि महागठबंधन 73 सीटों पर आगे चल रहा है। इस शुरुआती स्थिति को देखते हुए पुनः नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनने की संभावना प्रबल मानी जा रही है।
एनडीए की बढ़त और जदयू का प्रदर्शन
रुझानों में इस बार जनता दल (यूनाइटेड) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती दिख रही है। एनडीए के भीतर बीजेपी, जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) सभी ने शुरुआती चरण में अच्छा प्रदर्शन किया है। भारतीय जनता पार्टी लगभग 20 सीटों पर बढ़त में है, जबकि जदयू 15 सीटों पर आगे चल रही है। लोजपा (रामविलास) भी तीन सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। यह स्थिति बताती है कि एनडीए के प्रति जनता में भरोसा कायम है और नीतीश कुमार के नेतृत्व पर मतदाताओं ने अपना विश्वास दोहराया है।
महागठबंधन की स्थिति
महागठबंधन की ओर से राजद और कांग्रेस प्रमुख पार्टियाँ हैं। रुझानों में राजद छह सीटों पर और कांग्रेस तीन सीटों पर आगे है। वाम दलों में माले एक सीट पर बढ़त बनाए हुए है। हालांकि कुल मिलाकर महागठबंधन 73 सीटों पर लीड में है, लेकिन यह संख्या सरकार बनाने से काफी दूर है। चुनाव से पहले तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर जोर दिया था, परंतु शुरुआती रुझान उनके पक्ष में जाते नजर नहीं आ रहे हैं।
महत्वपूर्ण सीटों पर रोचक मुकाबले
राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राघोपुर सीट से राजद नेता तेजस्वी यादव एनडीए उम्मीदवार सतीश यादव पर बढ़त बनाए हुए हैं। दूसरी ओर उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव महुआ सीट से पीछे चल रहे हैं, जो महागठबंधन के लिए चिंता का विषय है। तारापुर से बीजेपी के कद्दावर नेता सम्राट चौधरी बढ़त में हैं, जबकि लखीसराय से भी बीजेपी के विजय सिन्हा अग्रणी हैं। छपरा सीट पर राजद के लोकप्रिय प्रत्याशी और अभिनेता खेसारी लाल यादव बढ़त बनाए हुए हैं। दानापुर से राजद के रीतलाल यादव आगे चल रहे हैं, और लालगंज सीट पर बाहुबली नेता की बेटी एवं राजद प्रत्याशी शिवानी यादव को बढ़त मिल रही है। बेलागंज सीट पर जदयू की मनोरमा देवी आगे चल रही हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि जदयू ने ग्रामीण इलाकों में अपनी पकड़ बरकरार रखी है।
पूर्णिया क्षेत्र के रुझानों पर नजर
पूर्णिया जिले की सीटों पर भी शुरुआती रुझान सामने आ चुके हैं। धमदाहा से मंत्री लेसी सिंह आगे चल रही हैं, जो जदयू के लिए सकारात्मक संकेत है। वहीं बायसी से राजद के अब्दुस हाजी सुभान बढ़त में हैं। रुपौली से जदयू के कलाधर मंडल और पूर्णिया सदर से भाजपा के विजय खेमका आगे दिखाई दे रहे हैं। बनमनखी से भाजपा प्रत्याशी कृष्ण ऋषि की बढ़त भी पार्टी के लिए हौसला बढ़ाने वाली है।
सुरक्षा व्यवस्था और राजनीतिक माहौल
मतगणना केंद्रों के बाहर सुरक्षा के बेहद कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। मोतिहारी में काउंटिंग सेंटर के बाहर वाटर कैनन की व्यवस्था की गई है, ताकि किसी भी संभावित तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रित किया जा सके। पटना स्थित सीएम हाउस की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। यह सभी कदम राज्य में शांतिपूर्ण मतगणना सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाए गए हैं।
चुनाव आयोग की प्रारंभिक रिपोर्ट
चुनाव आयोग द्वारा जारी शुरुआती आधिकारिक रुझानों के अनुसार एनडीए कुल 38 सीटों पर आगे था, जिसमें बीजेपी 20, जेडीयू 15 और लोजपा तीन सीटों पर अग्रणी थी। वहीं महागठबंधन में आरजेडी छह, कांग्रेस तीन और माले एक सीट पर आगे था। हालांकि बाद के रुझानों में यह संख्या काफी बढ़ी और एनडीए ने 150 से अधिक सीटों पर बढ़त हासिल कर ली।
रिकॉर्ड मतदान और जनता की सहभागिता
इस बार दो चरणों में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में कुल 67.10 प्रतिशत मतदान हुआ, जो 2020 चुनाव से लगभग 10 प्रतिशत अधिक है। यह बढ़ा हुआ मतदान प्रतिशत दर्शाता है कि जनता ने चुनाव प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक भाग लिया और राज्य की राजनीति में परिवर्तन की संभावनाओं को लेकर गंभीर रही। शुरुआती रुझानों से स्पष्ट है कि बिहार की जनता ने एक बार फिर एनडीए गठबंधन पर भरोसा जताया है। नीतीश कुमार को जनता का यह विश्वास उनके चुनावी अनुभव और प्रशासनिक सख्ती का परिणाम माना जा सकता है। महागठबंधन कई प्रमुख सीटों पर संघर्ष की स्थिति में है, लेकिन समग्र आंकड़े उन्हें सत्ता से दूर दिखा रहे हैं। अंतिम परिणामों का इंतजार है, परंतु ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनने जा रही है।


