November 17, 2025

पटना में जमीन के लिए हुई थी ससुर की हत्या, दामाद और समधी ने रची थी साजिश

पटना। बिहार की राजधानी पटना के फतुहा इलाके में नरैना पुल के नीचे मिले एक शव की पहचान नालंदा जिले के दीपनगर थाना क्षेत्र के निवासी सुभाष यादव के रूप में हुई। इस हत्या के पीछे पारिवारिक षड्यंत्र का खुलासा हुआ है, जिसमें सुभाष यादव के दामाद राजमणि और समधी मंजू पर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगा है। शव की पहचान तब संभव हो पाई जब सोशल मीडिया पर मृतक की तस्वीरें वायरल हुईं। इसके बाद मृतक की मां गौरी देवी, भाई पृथ्वी यादव और धनंजय यादव ने फतुहा थाने पहुंचकर शव की पुष्टि की। परिजनों के अनुसार, सुभाष यादव 23 दिसंबर 2024 को अचानक लापता हो गए थे। उनका आरोप है कि उसी दिन उनके दामाद राजमणि और समधी मंजू उन्हें अपने साथ ले गए थे, जिसके बाद से उनका कोई पता नहीं चला।परिजनों ने सुभाष की गुमशुदगी की रिपोर्ट नालंदा के दीपनगर थाने में दर्ज कराई थी, लेकिन पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया। परिजनों का आरोप है कि आरोपी दबंग प्रवृत्ति के हैं और पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की।धनंजय यादव ने बताया कि उनके भाई सुभाष यादव के पास 9 बीघा जमीन थी, जिस पर उनके दामाद राजमणि की नजर थी। राजमणि चाहता था कि सुभाष यह जमीन उसके नाम रजिस्ट्री कर दें। लेकिन जब सुभाष ने इससे इनकार कर दिया, तो राजमणि ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। इस मामले में समधी मंजू भी राजमणि के साथ था।जब शव मिला, तो उस पर कुछ खास निशान पाए गए, जिससे परिजनों को हत्या की साजिश की पुष्टि हुई। शव पर ईसीजी का पैच और हाथ में ड्रिप चढ़ाने का निशान था। इससे स्पष्ट है कि आरोपियों ने मौत को बीमारी से हुई सामान्य मृत्यु साबित करने की कोशिश की। परिजनों का कहना है कि सुभाष पूरी तरह स्वस्थ थे और उन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जब सुभाष यादव की मां गौरी देवी अपने बेटे की गुमशुदगी को लेकर दीपनगर थाने गईं, तो पुलिस ने उन्हें बताया कि सुभाष की बीमारी के कारण मौत हो गई है और उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। लेकिन जब शव पटना के फतुहा में मिला, तो परिजनों का शक और गहरा हो गया।परिजनों ने पुलिस प्रशासन से दामाद राजमणि और समधी मंजू के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने पुलिस की निष्क्रियता को लेकर भी सवाल उठाए हैं। इस घटना ने एक बार फिर से बिहार में जमीन विवादों को लेकर होने वाली हत्याओं के मामलों को उजागर कर दिया है।अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस इस मामले की जांच निष्पक्ष रूप से करती है या नहीं। पीड़ित परिवार को न्याय मिलेगा या नहीं, यह समय ही बताएगा।

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