पटना में नगर निगम सफाई कर्मचारियों की कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल, आज करेंगे सांकेतिक प्रदर्शन

पटना। नगर निगम के सफाईकर्मी अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन की राह पर हैं। इस आंदोलन की शुरुआत सोमवार को सांकेतिक प्रदर्शन के साथ हो रही है, जबकि मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी। इस प्रदर्शन और हड़ताल का नेतृत्व चतुर्थवर्गीय कर्मचारी महासंघ कर रहा है। महासंघ के अध्यक्ष नंदकिशोर दास ने बताया कि उनकी मांगों पर सरकार और निगम प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है, जिससे कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि जब उनकी आवाज़ सुनी ही नहीं जा रही है, तो संघर्ष के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचता। कर्मचारी महासंघ ने 15 सूत्री मांगों की सूची जारी की है, जिनमें से प्रमुख हैं। सफाईकर्मी लंबे समय से अस्थायी सेवा में हैं। उनका कहना है कि उनकी सेवाओं को स्थायी किया जाए ताकि उन्हें नौकरी की सुरक्षा मिल सके। सफाई कर्मचारियों ने निजी ठेकेदारी प्रणाली को खत्म करने की मांग की है। उनका मानना है कि यह प्रणाली न केवल उनके अधिकारों का हनन करती है, बल्कि उनके वेतन और सुविधाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। कर्मचारी चाहते हैं कि उनके वेतन का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में हो, ताकि पारदर्शिता बनी रहे। सफाईकर्मियों का कहना है कि उनके काम के घंटों को 6 घंटे तक सीमित किया जाए, ताकि उनका स्वास्थ्य और जीवन-स्तर बेहतर हो सके। समयबद्ध पदोन्नति योजना के तहत मिलने वाले लाभों का भुगतान भी उनकी प्रमुख मांगों में से एक है। मासिक वेतन को बढ़ाकर कम से कम 24,800 रुपये करने की मांग की गई है। कर्मचारियों का आरोप है कि निगम प्रशासन और सरकार मजदूर विरोधी रवैया अपना रहे हैं। नंदकिशोर दास ने स्पष्ट किया कि उनकी समस्याओं को बार-बार उठाने के बावजूद उन्हें अनसुना किया जा रहा है। यह स्थिति कर्मचारियों के अंदर गहरा रोष पैदा कर रही है। सफाईकर्मियों ने सोमवार को सांकेतिक प्रदर्शन के तहत काम बंद करने का निर्णय लिया है। इसके बाद मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की जाएगी। साथ ही, निगम कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया जाएगा। कर्मचारियों का मानना है कि यह हड़ताल उनकी मांगों को मान्य करवाने में निर्णायक साबित हो सकती है। अगर यह हड़ताल लंबी चलती है, तो पटना में सफाई व्यवस्था चरमरा सकती है। गंदगी और कचरे के ढेर शहर की स्वच्छता पर गंभीर असर डाल सकते हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित होगा। यह आंदोलन पटना नगर निगम और सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। सफाईकर्मियों की मांगें वाजिब और जरूरी मानी जा रही हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।
