पटना में मृत्युंजय हत्याकांड का खुलासा, भाई की हत्या का बदला लेने के लिए हुआ था मर्डर
पटना। पटना में छोटी दिवाली की रात घटी एक सनसनीखेज वारदात ने पूरे शहर को हिला दिया। 19 अक्टूबर की रात प्रेमचंद्र रोड स्थित मैला टंकी के पास हर्ष उर्फ मृत्युंजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस जांच में सामने आया कि हत्या की जड़ें छह साल पुरानी दुश्मनी से जुड़ी थीं। आरोपी राहुल ने इस वारदात को अपने भाई की पुरानी दुश्मनी और इलाके में वर्चस्व कायम रखने के लिए अंजाम दिया। बुधवार को सेंट्रल एसपी दीक्षा ने इस पूरे मामले का खुलासा किया।
पुरानी रंजिश से शुरू हुआ विवाद
यह विवाद वर्ष 2019 में शुरू हुआ था। उस समय आरोपी राहुल और उसके भाई दौलत की हर्ष के पड़ोसी सेंटी से किसी बात को लेकर लड़ाई हुई थी। सेंटी और दौलत के बीच मारपीट के दौरान हर्ष ने अपने पड़ोसी सेंटी का पक्ष लिया। इस झगड़े में स्थिति इतनी बिगड़ गई कि हर्ष ने दौलत पर गोली चला दी, जिससे वह घायल हो गया। घटना के बाद राहुल ने हर्ष और सेंटी दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
केस मैनेजमेंट और बढ़ती दुश्मनी
मामले को शांत कराने के लिए सेंटी ने 10 लाख रुपए देकर केस को मैनेज करा लिया। इससे राहुल को यह महसूस हुआ कि इलाके में उसका डर और वर्चस्व खत्म हो गया है। इसी वजह से उसने सेंटी और हर्ष दोनों से बदला लेने की ठान ली। राहुल ने तय किया कि वह पहले सेंटी और फिर हर्ष को मारकर अपना रौब दोबारा कायम करेगा।
सेंटी की हत्या और बदले की अगली कड़ी
साल 2023 में राहुल ने सेंटी की हत्या कर दी। हालांकि, हर्ष उस समय दिल्ली में रह रहा था, लेकिन राहुल की नजर लगातार उस पर बनी हुई थी। जब हर्ष वापस पटना आया और पिता के साथ रहने लगा, तब राहुल को अपने पुराने बदले का मौका नजर आया। उसने तय किया कि हर्ष को उसी इलाके में मारा जाएगा, जहां से उसकी “हुकूमत” को चुनौती मिली थी।
हत्या की रात की पूरी घटना
19 अक्टूबर की रात हर्ष अपने पिता के साथ हलवा और चाय लेकर नाश्ता कर रहा था। सबकुछ सामान्य था। रात करीब साढ़े आठ बजे वह अपने दोस्तों अक्षय और सन्नी उर्फ तोता से मिलने निकला। तीनों प्रेमचंद्र रोड के मैला टंकी के पास पहुंचकर सड़क किनारे सजी मूर्तियां देखने लगे। अक्षय बाइक पर आगे बैठा था, जबकि हर्ष पीछे की सीट पर था और सन्नी पास में खड़ा था। इसी बीच काजीपुर झोपड़पट्टी का रहने वाला राहुल अपने सहयोगी संजय और चार-पांच अन्य साथियों के साथ वहां पहुंचा। उन्होंने हर्ष को घेर लिया। राहुल के हाथ में पिस्टल थी। उसने पीछे से हर्ष के सिर में गोली मार दी। गोली लगते ही हर्ष मौके पर गिर पड़ा। इसके बाद राहुल ने दो और गोलियां दागीं और अपने साथियों के साथ फरार हो गया।
दोस्तों की आंखों के सामने हुई हत्या
गोलीबारी के दौरान अक्षय और सन्नी जान बचाकर भागे। कुछ देर बाद जब गोली चलने की आवाज थम गई, तो दोनों वापस लौटे। उन्होंने देखा कि हर्ष खून से लथपथ पड़ा है। इस बीच उन्होंने हर्ष के पिता ध्रुव कुमार को फोन कर घटना की सूचना दी। जब पिता मौके पर पहुंचे, तब तक बेटा दम तोड़ चुका था।
पिता की व्यथा और पुलिस की कार्रवाई
ध्रुव कुमार, जो एक कारोबारी हैं, ने बताया कि उनका बेटा छह महीने पहले दिल्ली से लौटा था और टैली की पढ़ाई कर रहा था। वह घर से ज्यादा बाहर नहीं जाता था। पिता ने बताया कि राहुल और उसका भाई इलाके में आए दिन झगड़ा करते थे और खासकर महिलाओं को परेशान करते थे। इसी कारण सेंटी और हर्ष उनसे विरोध रखते थे। घटना के बाद मृतक के पिता ने राहुल, संजय और चार-पांच अज्ञात लोगों को नामजद आरोपी बनाया है। पुलिस ने जांच के दौरान सभी अज्ञात आरोपियों की पहचान कर ली है। मुख्य आरोपी राहुल को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि संजय और अन्य फरार हैं। उनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। मृत्युंजय हत्याकांड केवल एक व्यक्ति की हत्या की कहानी नहीं, बल्कि उस सामाजिक असंतुलन और आपसी वर्चस्व की लड़ाई का परिणाम है जो अक्सर छोटे-छोटे विवादों से जन्म लेती है। छह साल पुरानी दुश्मनी ने न केवल दो परिवारों को तबाह किया, बल्कि एक युवा की जान भी ले ली। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने मामले का खुलासा तो कर दिया, लेकिन यह सवाल छोड़ दिया कि कब तक ऐसे वर्चस्व की लड़ाइयाँ मासूमों की जिंदगी छीनती रहेंगी।


