फुलवारी शरीफ के तीन गांवों में मातम का माहौल, चारों तरफ मच रही चीख-पुकार

फुलवारी शरीफ। झारखंड के रांची-धनबाद-बोकारो हाईवे पर एक वैगनआर कार व बस में आमने-सामने की भीषण टक्कर में आग लगने के बाद कार सवार पटना के पांच लोगों की दर्दनाक मौत की खबर से पटना के लोग सहम सहम गए।

टीवी चैनल और न्यूज पोर्टल पर चल रही खबर को देख पटना के लोग इस कदर बेचैन हो गए की आखिर किस के परिवार के लोग हैं जो इस भीषण हादसे में असमय काल के गाल में समा गए।

फिर जैसे ही इस बात का खुलासा हुआ कि कार सवार पांच लोगों की मौत हुई है जो सभी फुलवारी शरीफ के रहने वाले हैं तो फुलवारी शरीफ के मृतकों के चार गांव में सन्नाटा पसर गया।

फुलवारी शरीफ बोचाचक से आलोक कुमार की वैगन-आर कार से ब्रह्मपुर से राज किशोर राय व मुन्ना राय और रानीपुर से गोलू कुमार एवम नोहसा गांव के लाल बाबू पासवान के बेटे राहुल कुमार मंगलवार की दोपहर रजरप्पा मंदिर के लिए निकले थे।

इस बीच झारखंड में सड़क हादसे की सूचना बुधवार की सुबह उनके घरों में पहुंची। इस मनहूस खबर के मिलते ही फुलवारी शरीफ के बोचाचक, रानीपुर नोहसा और ब्रह्मपुर गांवों में मातम पसर गया।

चारों तरफ चीख-पुकार से पूरा गांव गम के माहौल में डूबा है। मुन्ना राय के साले ने बताया कि उनकी दो बेटी चुलबुली (10 ), स्नेहा कुमारी (8 वर्ष), जबकि दो बेटे रवि शंकर (पांच) और गौरी शंकर (दो) बार-बार पिता को याद करके बेहोश हो जा रहे हैं।

चारों तरफ चीख-पुकार से पूरा गांव गम के माहौल में डूबा है। गांव के लोगों ने बताया कि मुन्ना राय निजी गाड़ी का चालक था। अपनी छोटी कमाई से ही मुन्ना राय अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। परिवार को संभालने वाला अब कोई नहीं है।

ब्रह्मपुर के 35 वर्षीय राज किशोर राय फुलवारी शरीफ के आसपास जमीन का कारोबार करते थे। पिता की मौत की खबर सुन राज किशोर राय के दोनों बेटे सुमित कुमार (10) व साहिल कुमार (8) टूट गए।

अबोध बच्चों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा कैसे हो गया। राज किशोर राय के भाई विकास कुमार ने बताया कि मंगलवार को जब रजरप्पा के लिए निकले थे, तो सब बहुत खुश थे। वहीं आलोक भी अपने घर परिवार का अकेला कमाऊ सपूत था।

About Post Author

You may have missed